Chandigarh News: नगर परिषद जीरकपुर के अंतर्गत आने वाले गांव दयालपुरा में बन रहे आयुष अस्पताल का निर्माण कार्य पिछले 5 साल से रुका हुआ है। जबकि अस्पताल के शिलान्यास के मौके पर दावा किया गया था कि यह अस्पताल नवंबर 2020 तक पूरा कर लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा। लेकिन 2020 में कोविड महामारी के बाद इस अस्पताल का काम बंद हो गया और बिल्डिंग बनाने वाले ठेकेदार ने भी लगभग 70-75 फीसदी काम पूरा करने के बाद इस बिल्डिंग का बचा हुआ काम छोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक, अब फिर से अस्पताल की इस बिल्डिंग को पूरा करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन इस अस्पताल का काम पूरा करने के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है जिससे इस अस्पताल की बिल्डिंग को 3 माह में पूरा करने का अनुबंध किया जाएगा। बाकी काम में अभी दो महीने का वक्त लग सकता है और उम्मीद है कि मई 2025 तक इस आयुष अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। दयालपुरा गांव निवासी गुरमीत सिंह, अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह, जगतार सिंह, गगनप्रीत सिंह, परमजीत कौर, हरविंदर कौर, अमरेंद्र सिंह और गुरनाम कौर के मुताबिक गांव में बन रहे आयुष अस्पताल का काम लगभग पूरा हो चुका था, लेकिन कोविड महामारी के दौरान अस्पताल का काम ठप हो गया था काम बंद होने के कारण यहां रखा लगभग सारा कीमती सामान चोरी हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।
लेकिन सरकार दयालपुरा गांव में पिछले 5 साल से अधूरे पड़े आयुष अस्पताल का काम पूरा नहीं कर रही है।ग्रामीणों ने कहा कि यह अस्पताल इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि जीरकपुर इलाके की आबादी 6 लाख के करीब पहुंच चुकी है, लेकिन यहां आबादी के हिसाब से विशेष सुविधाएं देने वाला कोई सरकारी अस्पताल नहीं है।उन्होंने मांग की कि अस्पताल का नाम लछमन सिंह सोढ़ी के नाम पर रखा जाए और यहां भर्ती किए जाने वाले स्टाफ में योग्यता के अनुसार गांव वासियों को प्राथमिकता दी जाए।
कौन हैं लछमन सिंह सोढ़ी, जिनके नाम पर हो रही है अस्पताल का नाम रखने की मांग?
यहां यह बताना जरूरी है कि लछमन सिंह सोढ़ी कौन थे, जिनके नाम और अस्पताल का नाम बताने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं। लछमन सिंह सोढ़ी दयालपुरा गांव के सोढ़ी परिवार से हैं, जिन्होंने कई दशक पहले गांव में विभिन्न स्थानों पर लगभग 10 एकड़ जमीन आयुर्वेदिक विभाग को दान में दी थी। जिस ढाई एकड़ जमीन पर अस्पताल बन रहा है, वह भी लछमन सिंह सोढ़ी ने ही दी है। इसलिए श्री लछमन सिंह सोढ़ी को चाहने वाले लोग मांग कर रहे हैं कि जिस जमीन पर अस्पताल बन रहा है, आज उस जमीन की कीमत करोड़ों रुपये में है। इसलिए आइए लछमन सिंह सोढ़ी की यादों को ताज़ा रखें और उनके द्वारा शेष विश्व के लिए किए गए सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए उन्हें याद करें। लछमन सिंह सोढ़ी ने आयुर्वेदिक विभाग को नढयाली रोड पर 7 एकड़ जमीन दी है, जहां पर अब हर्बल गार्डन बना हुआ है। इसके अलावा बागों की तरफ करीब एक एकड़ जमीन दी गयी है।
अस्पताल का निर्माण कब शुरू हुआ था?
14 नवंबर 2019 को दयालपुरा गांव में आयुष अस्पताल का शिलान्यास तत्कालीन सांसद प्रणीत कौर ने किया था। उनके साथ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।उन्होंने आश्वासन दिया कि इस अस्पताल का काम एक साल के अंदर पूरा हो जायेगा। लेकिन कोविड के बाद अस्पताल के निर्माण कार्य में ठहराव आ गया जो आज तक पूरा नहीं हो सका है।
आयुष अस्पताल के निर्माण को पूरा करने के लिए सभी टेंडर व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही अस्पताल का निर्माण और अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। उम्मीद है कि मई 2025 तक यहां मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा।