Chandigarh News, डेराबस्सी : नजदीकी गांव कारकौर में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी मारकर फरार हुए व्यक्ति का घर और गांव पीड़ित लोगों ने सरपंच की मदद से ढूंढ़ने में सफलता हासिल की है। जिसकी सूचना डेराबस्सी पुलिस को दे दी गई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की जानकारी देते हुए गांव के सरपंच जगदीप सिंह उर्फ जग्गी ने बताया कि करीब पांच महीने पहले गांव कारकौर में गेजा सिंह के मकान में रघबीर सिंह नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहने आया था। उसने दावा किया था कि वह हरियाणा के पंचकुला सैक्टर छह में डीआइजी कार्यालय में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं और इंस्पेक्टर बनने के बाद जल्द ही उन्हें थाने में एसएचओ के पद पर तैनात किया जाने वाला है।
Chandigarh News: सब इंस्पेक्टर बन कारकौर के लोगों से ठगी मारने वाले का गांव और घर ढूंढा
वह दिन में गांव में अपने घर पर रहता था और रात में ड्यूटी पर जाने का नाटक करता था। उसके पास एक वैगनर कार थी और वह हमेशा हरियाणा पुलिस की वर्दी पहनता था और अपने किराए के घर के बाहर एक पुलिस अधिकारी की नेम प्लेट लगाता था। जिसके बाद उसने गांव के युवकों को धोखा दिया और उनकी गाड़ी लेकर फरार हो गया। जिसके बाद उन्होंने डेराबस्सी पुलिस को शिकायत दी। जिसके बाद पीड़ितों ने उसकी वैगनार कार के नंबर प्लेट से उसके घर का पता ढूंढा। जिसके बाद उसकी पहचान निरवेल सिंह और उसकी पत्नी परमिंदरजीत कौर निवासी गांव जनसूई जिला अंबाला के रूप में हुई, जो डेराबस्सी के गांव कारकौर में फर्जी नाम रघबीर सिंह के नाम से रह रहे थे। जिसके बारे में उन्होंने डेराबस्सी पुलिस को सूचित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जब वे उनके घर में दाखिल हुए तो उसके घर में वही मोटरसाइकिल और एक्टिवा थीं जो वह गांव करकोर से लेकर फरार हुआ था । जब उन्होंने ग्रामीणों से उक्त व्यक्ति के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह इस घर में कम ही आता है। उसके खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं, इस बारे में जब पुलिस प्रमुख डेराबस्सी मनदीप सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वे अभी मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान यदि असलियत सामने आती है तो उक्त व्यक्ति के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यहां बता दें कि एक हफ्ता पहले फरार हुए व्यक्ति के खिलाफ शिकायत मिलने के बावजूद भी डेराबस्सी पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया। जिस वजह से गांव वालों में पुलिस के खिलाफ रोग पाया जा रहा है। उनका कहना है कि ठगी करने वाले व्यक्ति का घर और पता मालूम होने के बावजूद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा जबकि उनका समान व्यक्ति के घर सामने खड़ा था।