Chandigarh News: पाँच साल में दो लाख नए पीएसीएस बनाने का लक्ष्य समय से पहले होगा पूरा: अमित शाह

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Chandigarh News: करनाल केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 10,000 नवनिर्मित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों अर्थात पैक्स डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। देश के त्रि-स्तरीय सहकारिता ढांचे को सबसे ज्यादा ताकत प्राथमिक सहकारी समिति ही दे सकती है, इसलिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए पैक्स बनाने का निर्णय किया था। नाबार्ड, एनडीडीबी और एनएफडीबी ने 10 हज़ार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

70 सालों से जिस सहकारिता को हाशिए पर रखा गया था उसे मोदी-शाह की जोड़ी अर्थतंत्र का एक मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में अथक प्रयास कर रही है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सहकारिता से समृद्धि’ के लिए 75 वर्ष में पहली बार देश में अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन कर उसकी कमान भारतीय राजनीति के चाणक्य और दिग्गज नेता अमित शाह के हाथों में सौंपने का अभूतपूर्व निर्णय लिया, जिन्होंने भारतीय राजनीति को नए तरीके से परिभाषित करते हुए देश को विकास और तरक्की के राह पर आगे बढ़ाया है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को गति देने के लिए ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़’ सहकारिता को नया आकार देने का संकल्प ठान लिया है। सहकारिता क्षेत्र के लिए मोदी-शाह की रणनीतियाँ जहाँ सहकारिता आंदोलन को नया मुकाम प्रदान कर रही है, वहीं सहकारी समितियों के लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ की प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित किया जा रहा है।

मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय सहकारी समितियों के हितों की देख-रेख और उनके उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत है। कृषि प्रसंस्करण, डेयरी, मत्स्यपालन, बुनाई, ऋण और विपणन समेत विविध गतिविधियों में सक्रिय सहकारिता समितियों से देश की आधी आबादी जुड़ी हुई है। पैक्स को बहुआयामी बनाकर उन्हें भंडारण, खाद, गैस, उर्वरक और जल वितरण के साथ जोड़ा जा रहा है। अमूल, इफ्को, कृभको, नाफेड आदि भारत में सहकारिता आंदोलन की सफलता की मिसाल हैं। सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने वाले अमित शाह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सहकारिता यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय सहकारिता डाटा बेस और सहकारिता नीति तैयार करने की दिशा में भी तेजी से काम किया जा रहा है।
बीज उत्पादन और किसानों के उत्पादों का निर्यात करने के लिए मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव बनाए गए हैं। सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य की दिशा में दिन-रात जुटे कर्मठ कार्यकर्ता और कुशल प्रबंधनकार अमित शाह की रणनीतियों के तहत किसानों को पशुपालन, मत्स्यपालन एवं अन्य व्यवसायों से जोड़ने का कार्य भी पैक्स के माध्यम से किया गया है। 10 सहकारी समितियों को रुपे किसान क्रेडिट कार्ड, माइक्रो एटीएम का वितरण किया गया है। इस अभियान के तहत आने वाले दिनों में हर प्राथमिक डेयरी को माइक्रो- एटीएम दिया जाएगा। माइक्रो एटीएम और रुपे किसान क्रेडिट कार्ड हर किसान को कम खर्च पर ऋण देने का काम करेगा। कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी से पैक्स में पारदर्शिता आएगी, सहकारिता का जमीनी स्तर पर विस्तार होगा और ये महिलाओं और युवाओं के रोजगार का माध्यम भी बनेगा।