Chandigarh News: पंजाब राज भवन में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश स्थापना दिवस दोनों राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत रही मुख्य आकर्षण।

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Chandigarh News: चंडीगढ पंजाब राज भवन में उत्साहपूर्वक मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया गया। इस समारोह ने भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को एक साझा मंच पर लाने और ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की भावना को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश की जीवंत परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली विभिन्न प्रस्तुतियाँ दी गईं।
पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया और उनकी पत्नी  अनीता कटारिया ने विशेष रूप से इस समारोह की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने दोनों राज्यों की सांस्कृतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश को ‘‘उगते सूरज की धरती’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत का पहला राज्य है, जहां सूर्य की किरणें सबसे पहले पड़ती हैं। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व पर भी प्रकाश डाला, जहां ऋषि परशुराम ने अपने पापों का प्रायश्चित किया, ऋषि व्यास ने तपस्या की, और भगवान कृष्ण का विवाह रुक्मिणी से हुआ।राज्यपाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की सराहना करते हुए इसे एक अनूठी अवधारणा बताया।
उन्होंने कहा कि यह पहल पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है और सभी राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने और साझा करने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने इस पहल को राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की कृषि उत्पादन विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला और इसे ‘‘भारत का फलों का कटोरा’’ कहा, जहां संतरा, कीवी और बड़ी इलायची जैसी महत्वपूर्ण फसलें उगाई जाती हैं।
मिज़ोरम के बारे में बोलते हुए, राज्यपाल ने इसकी अनूठी परंपराओं और मजबूत सामुदायिक भावना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मिज़ोरम के लोगों ने प्रगति को अपनाते हुए भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को संजोकर रखा है। शिक्षा, सामाजिक सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य की दृढ़ प्रतिबद्धता इसे अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनाती है।
राज्यपाल ने मिज़ोरम के राष्ट्रीय योगदान की सराहना की और व्यापक स्तर पर लोगों को इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने तथा उसका सम्मान करने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम के दौरान दोनों राज्यों से संबंधित डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गईं, जिससे लोगों को इन राज्यों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गाथाओं से परिचित होने का अवसर मिला।
इस अवसर पर छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत शामिल थे, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम में चंडीगढ़ की मेयर श्रीमती हरप्रीत कौर बबला, मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा, राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिवा प्रसाद, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री विवेक प्रताप सिंह, चंडीगढ़ के डीजीपी  सुरेंद्र सिंह यादव, शिक्षा सचिव  प्रेरणा पुरी, स्वास्थ्य सचिव  अजय चगती, प्रशासक के विशेष सचिव अभिजीत विजय चौधरी निर्देशक जनसंपर्क राजीव तिवारी सहित चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।