Chandigarh News: पशुजनगणना का उद्वेष्य पशुस्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर और बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाना

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Chandigarh News: पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डॉ. रणजीत सिंह जोदां ने बताया कि जिला में पशुजनगणना का कार्य शुरू किया हुआ है। इसमें ओर तेजी लाई जाएगी ताकि कार्य जल्द पूरा किया जा सके। उपनिदेषक ने बताया कि आयुक्त एवं सचिव श्री विजय सिंह दहिया ने पंचकूला जिले के विभिन्न स्थानों पर चल रही पशुधन जनगणना क्षेत्र का दौरा एवं निरीक्षण कर जनगणना कार्य में तेजी लाने के निर्देष दिए है।
इसके अलावा उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने भी विभाग के अधिकारियों को पशु जनगणमना कार्य सुचारू ढंग से पूरा करने के आदेष दिए गए है। उन्होंने बताया कि जिला में पशु जनगणना कार्य तेजी से किया जा रहा है जिसे निर्धारित अवधि में पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जनगणना का उद्देश्य पशुधन जनगणना कार्यों की प्रगति का आकलन कर सरकार द्वारा दी जा रही पषुस्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना है। उप निदेषक ने बताया कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई 21वीं पशुधन जनगणना पूरे देश में चल रही है, जिसका लक्ष्य 219 पशुधन नस्लों की गणना कर आंकड़े एकत्र किए जाना है।
उन्होंने बताया कि पशुधन जनगणना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की पशुधन आबादी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करना है, जिसमें विषेशकर मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़े, टट्टू, गधे, मुर्गी, कुत्ते, बिल्ली और अन्य जानवरों जैसी प्रजातियों की गणना का कार्य किया जा रहा है।
उपनिदेषक ने बताया कि पशु जनगणना का यह डेटा राज्य में पशुपालन की स्थिति के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करेगा और पशु कल्याण को बढ़ाने, उत्पादकता में वृद्धि करने और किसानों की आजीविका में सुधार करने के उद्देश्य से भविष्य की नीतियों का मार्गदर्शन करेगा।
उन्होंने बताया कि अब तक पंचकूला में 1,11,678 परिवारों को कवर किया गया है, और पशुधन संख्या दर्ज की गई है उनमें 24,422 गाय, 43,986 भैंस, 3,794 भेड़, 7,969 बकरियां, 1,381 सूअर और 2,558 कुत्ते पाए गए हैं। उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि जिनके पशुओं की अभी तक गणना नहीं हुई है, वे निकटतम सरकारी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें ताकि उनका जनगणना में समावेश सुनिश्चित हो सके।
जनगणना कार्य में लगी हुई टीमों द्वारा स्थानीय किसानों और पशुपालकों के साथ बातचीत की जा रही है और पशुधन प्रबंधन में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी ली जा रही है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि हरियाणा पशुपालन और डेयरी विभाग राज्य में पशुधन के लिए अधिक टिकाऊ और सहायक वातावरण बनाने की दिशा में काम करना जारी रखेगा।