Chandigarh News : नगर कौंसिल ने इस वित्त वर्ष के दौरान प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में इकट्ठा किया करीब 22 करोड़ 22 लाख रुपए 

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The Municipal Council collected around 22 crore 22 lakh rupees as property tax during this financial year
  • वर्ष 2023-24 में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में नगर कौंसिल को मिला था करीब 23 करोड़ 62 लाख रुपए

(Chandigarh News) जीरकपुर : नगर कौंसिल जीरकपुर की कार्यप्रणाली पर अक्सर ही लोगों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं किसी न किसी मामले को लेकर नगर कौंसिल पर लगातार उंगली उठाई जाती है। अगर बात प्रॉपर्टी टैक्स की करें तो वित्त वर्ष 2023 -24 के दौरान नगर काउंसिल जीरकपुर को करीब 23 करोड़ 62 लाख रुपए मिले थे उसके मुकाबले 1 अप्रैल 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 तक कुल करीब 22 करोड़ 22 लाख 5 हजार 71 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काम राजस्व का मिलना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

लोगों के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच के द्वारा पूरा साल धीरे-धीरे मनमाने तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स लिया जा रहा था

लोगों के अनुसार पिछले वर्ष नगर कौंसिल द्वारा एक स्कीम लागू की गई थी और बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वाले लोगों के लिए रिबेट की भी घोषणा की गई थी जो के इस वर्ष नहीं की गई। लोगों के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच के द्वारा पूरा साल धीरे-धीरे मनमाने तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स लिया जा रहा था लेकिन वर्ष के आखिरी 15 दिन में लोगों की बिल्डिंग धड़ाधड़ से

सील करनी शुरू कर दी थी तथा प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन के लिए कार्रवाई शुरू कर दी थी। अगर ऐसी कार्रवाई वित्त वर्ष के शुरू में ही शुरू कर दी जाती तो आखिरी दिनों में इतनी बड़ी समस्या न पैदा होती है और नगर कौंसिल को अपने कर्मचारियों की ड्यूटी 12-12 घंटे लगातार तथा छुट्टी वाले दिन भी ड्यूटी ना लेनी पड़ती है।

जिक्र योग्य है के प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच में नगर कौंसिल के इंस्पेक्टर तथा सुपरीटेंडेंट मैडम प्रोमिला की ड्यूटी लगे हुए भी करीब 7 से 8 महीने हो गए हैं लेकिन उनके द्वारा भी कोई ऐसी योजना नहीं बनाई गई जिससे वित्त वर्ष के आखिरी दिनों में प्रॉपर्टी टैक्स के काम का बोझ कम रहे। लोगों का कहना है कि अगर यह योजना पहले बनाकर हर एक वार्ड में अलग-अलग क्षेत्र में मीटिंग है करके लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए जागरूक किया जाता तो वर्ष के आखिर में काम का ज्यादा भोज नहीं पड़ता।

लोगों का कहना है कि जीरकपुर शहर में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आबादी भी बड़ी है तथा इमारतें भी बड़ी है तो पिछले वर्ष के मुकाबले राजस्व काम क्यों प्राप्त हुआ है इस बात पर सरकार तथा उच्च अधिकारियों को मंथन करना चाहिए के इस बात के पीछे कौन जिम्मेदार है