Chandigarh News: चंडीगढ़, संजय अरोड़ा चंडीगढ़ देव समाज हेड ऑफिस, सेक्टर 36-बी में आयोजित देव समाज महोत्सव, भजन, प्रार्थना और देव समाज के सिद्धांतों का पालन करने की प्रतिज्ञा के साथ संपन्न हुआ।महोत्सव देव समाज के संस्थापक भगवान देव आत्मा की 174 वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में मनाया गया था ।
चार दिवसीय समारोह के दौरान सामाजिक नैतिकता और नैतिक संस्कृति पर दैनिक प्रवचनों के इर्द-गिर्द विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। देव समाज की शिक्षाओं के अनुरूप सामाजिक कल्याणकारी प्रयासों को अपनाते हुए, पीजीआईएमईआर और सुख फाउंडेशन के सहयोग से एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के एमएस एंड हेड डिपार्टमेंट फॉर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड नोडल ऑफिसर, रीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (आरओटीटीओ-नॉर्थ) के प्रोफेसर विपिन कौशल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इसके अलावा, पीजीआईएमईआर के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के डॉ. सुचेत सचदेव और सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (सीडीटीआई), भारत सरकार के डीएसपी संजय कुमार ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। इस दौरान एक अंगदान जागरूकता शिविर भी आयोजित किया गया। देव समाज संस्थानों के स्वयंसेवकों और आम जनता ने सक्रिय रूप से रक्तदान किया और कई लोगों ने अपने अंग दान करने की प्रतिज्ञा भी ली।
कुल 100 युनिट रक्त का दान किया गया। देव समाज मैनेजिंग काउंसिल के मेंबर निर्मल सिंह ढिल्लों ने आयोजकों को बधाई दी और इस नेक कार्य में स्वेच्छा से भाग लेने वाले दाताओं के प्रयासों की सराहना की। महोत्सव का एक अन्य प्रमुख आकर्षण डॉ. एग्नीज ढिल्लों, सेक्रेटरी, देव समाज द्वारा आयोजित ‘देव जीवनधारी भगवान देव आत्मा’ पर महासभा थी।
इस प्रेरक व्याख्यान में देव समाज के संस्थापक की शिक्षाओं को उजागर किया गया। डॉ. एग्नीज ढिल्लों ने कहा कि देव समाज के संस्थापक ने समाज द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद सत्य और ईमानदारी जैसे उच्चतम मानवीय मूल्यों का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि इन गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए ताकि हम सभी एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकें।एक अन्य महत्वपूर्ण प्रवचन ‘मानवता को भगवान देव आत्मा की आवश्यकता’ पर राम विलास पांडेय द्वारा दिया गया।
वक्ता ने शरीर और आत्मा के साथ हमारे संबंध की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दूसरों के साथ विनम्रता और सम्मान से पेश आना आवश्यक है और किसी को भी चोट पहुँचाने या पीड़ा देने से बचना चाहिए।
डॉ. मनोज मदान ने ‘भगवान देव आत्मा: एक अद्भुत प्रेरक’ पर अपने प्रवचन में बताया कि कैसे सम्माननीय संस्थापक ने एक अनुकरणीय जीवन जिया और सभा से दूसरों की सेवा में अपना जीवन उपयोग करने का आग्रह किया।
भजन गायन और देव समाज मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली के छात्रों द्वारा मंचित “देव प्रभावों का करिश्मा” विषय पर आधारित नाटक ने दर्शकों को आकर्षित किया। महोत्सव में एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
उल्लेखनीय है कि देव समाज महोत्सव का शुभारंभ 14 दिसंबर 2024 को जगदीश चंद भारद्वाज के ‘प्रवेश सभा’ संबोधन के साथ हुआ।
उन्होंने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और महोत्सव के महत्व पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने भगवान देव आत्मा के मानवतावादी जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समग्र प्रगति और सामाजिक उन्नति की नींव के रूप में बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।