Chandigarh News: बिटना रोड स्थित रविदास मंदिर में आज संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज का 647वां प्रकाश पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे क्षेत्र में भक्ति और सेवा भाव का वातावरण देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ हुई, जिसे डॉ. रूप राम ग्रोवर ने संपन्न किया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि राम अंटवाल ने दीप प्रज्वलित कर गुरु रविदास जी को नमन किया। इस दौरान भजन-कीर्तन और प्रवचनों का आयोजन किया गया, जिसमें गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को याद किया गया।
गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को याद करते हुए उनके प्रसिद्ध वचन “मन चंगा तो कठौती में गंगा” को सभी श्रद्धालुओं ने आत्मसात करने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने बताया कि गुरु रविदास जी समानता, प्रेम, और भाईचारे के प्रतीक थे। उन्होंने जात-पात और छुआछूत के विरुद्ध आवाज उठाई और मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया।
लंगर वितरण और सेवा भाव
गुरु रविदास जी के आदर्शों का पालन करते हुए इस अवसर पर विशाल लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें विकास खुल्लर ने विशेष भूमिका निभाई। श्रद्धालुओं ने गुरुदेव के आशीर्वाद से प्रसाद ग्रहण किया और सभी को नि:स्वार्थ सेवा भाव अपनाने का संदेश दिया गया।
सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में राम अंटवाल, डॉ. रूप राम ग्रोवर, विकास खुल्लर, कृष्ण लंबा, प्रवीण आहूजा, रविदास मंदिर के प्रधान हरपाल सिंह, धर्मपाल, जय सिंह, रामशरण कांटीवाल, रमेश, देवदत्त, आईआर खुलर, मेघनाथ, परमजीत पम्मी समेत समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए। सभी ने गुरु रविदास जी के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा ली।
गुरु रविदास जी का योगदान
गुरु रविदास जी ने समाज को सच्चे प्रेम, भक्ति और कर्मठता का मार्ग दिखाया। उन्होंने “बेगमपुरा” की कल्पना की, जहाँ सभी समान हों और किसी के साथ भेदभाव न हो। उनके विचार आज भी प्रेरणा देते हैं और समाज में एकता का संदेश फैलाते हैं।
समापन और संकल्प
समारोह के अंत में सभी श्रद्धालुओं ने गुरु रविदास जी के बताए मार्ग पर चलने और समाज में भाईचारे को मजबूत करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विशेष कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
गुरु रविदास जी महाराज का जन्मोत्सव समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ इस पवित्र दिन को मनाया।