Chandigarh News: भारत से हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस खरीदने वाले एनआरआई के लिए टैक्स डिस्काउंट के विकल्प मौजूद

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Chandigarh News, चण्डीगढ़ – हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी आवश्यक सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे ज़रूरत के समय बेहतर स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। भारतीय बीमा पॉलिसियों को और भी आकर्षक बनाने वाली बात यह है कि अन्य देशों की तुलना में अधिक किफायती, बेहतर कवरेज और टैक्स बेनिफिट आदि लाभ प्रदान करते है। भारत से इंश्योरेंस लेना सिर्फ परिवार की सुरक्षा के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह एनआरआई के लिये वित्तीय रूप से एक स्मार्ट कदम है।

सिद्धार्थ सिंघल, हेड-हेल्थ इंश्योरेंस, पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने कहा कि भारत में हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर आम तौर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। हालांकि, एनआरआई के पास एक अलग लाभ यह है कि वे जीएसटी को वापस प्राप्त करने के लिए क्लेम कर सकते हैं। इससे भारत में इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना बहुत अधिक किफ़ायती हो जाता है। भारत सरकार ने एनआरआई को भारत से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह डिस्काउंट शुरू किया है, जिससे इंश्योरेंस अधिक सुलभ और लागत प्रभावी हो गया है।

जीएसटी रिफंड पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। पॉलिसी लेने वाला व्यक्ति एनआरआई होना चाहिए और उसी पॉलिसी में इंश्योर्ड भी होना चाहिए। इसका मतलब है कि एनआरआई भारत में अपने या अपने परिवार के सदस्यों के लिए पॉलिसी खरीद सकते हैं, लेकिन जीएसटी डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिए उन्हें इंश्योर्ड सदस्य के रूप में भी कवर किया जाना चाहिए। प्रीमियम का भुगतान एनआरआई खाते से ही होना चाहिए। केवल इस खाते से किए गए भुगतान ही जीएसटी रिफंड के लिए पात्र हैं। प्रीमियम का भुगतान साल में एक बार ही करना होगा। मासिक या तिमाही भुगतान पर यह डिस्काउंट नहीं मिलेगा।

इन शर्तों को पूरा करने के बाद, एनआरआई को अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे। बीमाकर्ता पॉलिसी खरीदने वाले से पैन कार्ड, भारतीय पते का प्रमाण, एनआरआई बैंक अकाउंट डिटेल, पासपोर्ट, प्रवेश/निकास टिकट के साथ वीजा और अंतरराष्ट्रीय पते का प्रमाण भी मांगेंगे। पॉलिसी जारी होने के बाद, जीएसटी रिफंड प्रक्रिया में आमतौर पर 15 दिन तक का समय लगता है। इनकम टैक्स की धारा 80सी भारत में टैक्स बचत के लिए एक प्रभावी तरीका है। टर्म इंश्योरेंस सहित लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वाले एनआरआई इस धारा के तहत भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। अधिकतम डिडक्टिबल की अनुमति 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। यह डिडक्टिबल आपकी टैक्सेबल इनकम को कम कर सकती है, जिससे टैक्स में बचत होती है और आपका इंश्योरेंस अधिक किफायती हो जाता है।

जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है, तो धारा 80डी एक और टैक्स बचाने का अवसर प्रदान करती है। अगर आप, अपने जीवनसाथी, बच्चों या माता-पिता को कवर करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं, तो आप भुगतान किए गए प्रीमियम पर डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं।