Chandigarh News: पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने राज्य के उद्योगपतियों को उनकी जायज़ मांगों को जल्द पूरा करने का भरोसा दिया है। यहां उद्योग भवन में राज्य के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों और विभाग के उच्च अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए सौंद ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य के उद्योगों की प्रगति और मुश्किलों के समाधान के लिए पंजाब सरकार तेजी से सार्थक प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब विभिन्न औद्योगिक फेडरेशनों, चेंबरों और उद्योगपतियों को बुलाकर उनकी समस्याएं सुनी जा रही हैं। सौंद ने कहा कि उद्योगपतियों की सभी जायज़ मांगों को जल्द ही अमली जामा पहनाया जाएगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि एकमुश्त योजना (ओटीएस) और कुछ नीतिगत फैसले ऐसे हैं जिनके लिए मुख्यमंत्री से सलाह-मशविरा और दिशा-निर्देश ज़रूरी हैं, इसलिए इन मांगों का समाधान मुख्यमंत्री से विचार चर्चा के बाद इस का हल किया जाएगा।
सौंद ने भरोसा दिलाया कि पंजाब में उद्योगपतियों के लिए और बेहतर और अनुकूल माहौल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इस मौके पर उद्योगपतियों ने पीएसआईईसी से जुड़े कुछ मुद्दों और सुझावों को उनके ध्यान में लाए, जिनके समाधान के लिए उद्योग मंत्री ने पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी फोकल प्वाइंट्स का क्रमवार रखरखाव पूरा किया जाएगा। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों और प्लॉटों की देखरेख और उनसे जुड़े मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के लिए पंजाब सरकार प्रतिबद्ध है।
सौंद ने कहा कि जब से उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री का कार्यभार संभाला है, वे लगातार विभाग के उच्च अधिकारियों और पंजाब के उद्योगपतियों के साथ बैठकें कर रहे हैं ताकि राज्य के औद्योगिक क्षेत्र की उन्नति और प्रगति के लिए सार्थक नीतियां और योजनाएं लाई जा सकें। उन्होंने उद्योगपतियों को पूर्ण भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य के उद्योगपतियों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी और नए उद्योगों की स्थापना के लिए पंजाब सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।
इस बैठक में राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तेजवीर सिंह, इन्वेस्ट पंजाब के सीईओ डीपीएस खरबंदा, पीएसआईईसी के एमडी वरिंदर कुमार शर्मा और विभिन्न औद्योगिक फेडरेशनों, चेंबरों के प्रतिनिधि और प्रतिष्ठित उद्योगपति मौजूद थे।