Chandigarh News : समस्या निवारण का बड़ा मंच बन रहा सुदेश कटारिया का दलित सम्मेलन

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Chandigarh News : समस्या निवारण का बड़ा मंच बन रहा सुदेश कटारिया का दलित सम्मेलन
Chandigarh News : समस्या निवारण का बड़ा मंच बन रहा सुदेश कटारिया का दलित सम्मेलन

Chandigarh News : चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Elections) की जमीन को मजबूती देने में भाजपा (BJP) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के अनुसूचित प्रकोष्ठ की ओर से दलितों को साधने का रोडमैप तैयार किया है।

मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर (chief media coordinator) सुदेश कटारिया (Sudesh Kataria) का दलित सम्मेलन (Dalit Conference) का प्रयोग समस्या निवारण का बड़ा मंच बन रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) के जनसंवाद की तर्ज पर शुरू किया जिलावार दलित सम्मेलन का पड़ाव लगातार बढ़ रहा है। आगामी दलित सम्मेलन जींद (Jind) और पलवल (Palwal) में प्रस्तावित हैं।

अभी तक 10 जिलों में दलित सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं जिनमें दलितों की न केवल भीड़ उमड़ रही है, बल्कि उनकी समस्याओं का निराकरण भी हो रहा है। हरियाणा सिविल सचिवालय के छठे तल पर मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर दलितों की समस्या सुनने के साथ अफसरशाही को फोन पर तुरंत निवारण के निर्देश भी दे रहे हैं।

अहम पहलू यह भी है कि फरियादी को समाधान के साथ संतुष्ट करके ही वापस भेजा जाता है। इस दौरान कई बार सुदेश कटारिया की अफसरशाही के साथ अच्छी खासी नोकझोक भी हो जाती है। इसके बावजूद भी वे दलितों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहे हैं।

सचिवालय में निर्धारित किए गए हैं जिलों के दिन फिक्स Chandigarh News

मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया बताते हैं कि वे सोमवार से शुक्रवार तक हरियाणा सिविल सचिवालय में बैठते हैं और शनिवार व रविवार को जिलों में दलित सम्मेलनों में हिस्सा लेते हैं। सचिवालय में जिलावार दिन निर्धारित किए गए हैं, इससे संबंधित जिलों की समस्याओं का समाधान करवाने सुगमता रहती है और अलग-अलग जिलों की समस्याओं के निवारण को लेकर मामला उलझन में नहीं पड़ता है।

हालांकि, सिविल सचिवालय से संबंधित समस्याओं की सुनवाई वे हर रोज करते हैं। मुख्यालय पर स्थित विभागों से संबंधित फरियादों का भी साथ के साथ ही निपटान पर फोकस रहता है। दलित सम्मेलन में अफसरशाही की मनमानी के सबसे ज्यादा मामले सुदेश कटारिया बताते हैं कि जिलों में आयोजित होने वाले दलित सम्मेलनों में सबसे ज्यादा शिकायतें उनके पास अफसरशाही की मनमानी की आती हैं।

ज्यादातर फरियादियों की शिकायत होती है कि संबंधित जिले के उच्चाधिकारी उनकी समस्या को न सुन रहे हैं और न ही उनके रोजमर्रा के कामों को निपटा रहे हैं। इसके चलते उन्हें हर रोज तहसील कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं। जब दलित उनके पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं तो वे तुरंत ही संबंधित अधिकारी को न केवल दलितों की सुनवाई करने के निर्देश देते हैं, बल्कि समस्या समाधान कर उन्हें रिपोर्ट करने की भी हिदायत दी जाती है।

दलित सम्मेलनों में कांग्रेस शासन में हुए अत्याचारों बारे करवा रहे हैं अवगत Chandigarh News

मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया का कहना है कि जिला स्तर पर आयोजित होने वाले दलित सम्मेलनों में वे कांग्रेस शासन के दौरान हुए अत्याचारों बारे दलितों को अवगत करा रहे हैं।

साथ ही, अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा संविधान का अपमान करने बारे भी अवगत कराया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने संविधान बदलने के नाम पर दलितों को भ्रमित किया, जबकि कांग्रेस ने हमेशा संविधान के साथ न केवल छेड़छाड़ की है, बल्कि दलितों के हितों के रक्षक एवं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) को बार-बार अपमानित करने का काम किया। अब दलित वर्ग पूरी तरह जागरूक हो चुका है। वह कांग्रेस को वोट की चोट से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। Chandigarh News

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