Chandigarh News: सच्चाई का साथ देने वाले इंसान को, पैसों के पीछे दौडऩे वालों के सामने अपना वजूद कायम रखने में जान गंवाने का भय हमेशा बना रहता है। सच के रास्ते कभी सीधे नहीं होते। मंजिल मिलती है, लेकिन सच को अपना वजूद बनाए रखने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। सच्चाई को खरीदने वाले जमाने में कई लोग होते हैं। सच को अडिग रखने के लिए लालच, मोह माया, का त्याग करना पड़ता है, जो बहुत ही मुश्किल काम है। ये शब्द मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजआलोक ने राजपुरा देशभगत कॉलोनी मे कुलदीप सिंगला के आवास नंबर-26 मे कहे।
मनीषीसंत ने आगे कहा अंधेरे में, गलती से मैं रस्सी को सांप समझने की भूल कर सकता हूं। भले ही यह धोखा हो लेकिन यह सांप मुझे असल की तरह ही लगेगा। लोग इस तरह के धोखे में जान से भी हाथ धो बैठते हैं। इसके अलावा सत्ता भी एक तरह का धोखा होती है। आप भूत से डरते हैं, और आपका यह विश्वास कि भूत नहीं होते आपके डर का ही एक हिस्सा है। हर चीज डर के भय के कारण चलती हुई प्रतीत होती है। लोग इसलिए शादी करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे आगे चलकर अकेले न रह जाएं। लोग डर के कारण ईश्वर की पूजा करते हैं और यही कारण है कि ज्यादातर लोग प्रेम के कारण ईश्वर की पूजा नहीं करते बल्कि डर के कारण करते हैं। डर से मुक्ति पाने के लिए हमें अपनी सभी गतिविधियों में प्रेम और भरोसे को जगाना होगा। हमारे दिल में अगर प्रेम और भरोसा हो तो जिंदगी आसान हो जाती है। हम अपने ही भयों से मुक्त हो पाते हैं। अन्यथा हमारा जीवन संशय में ही बीतता है।धैर्य बनाए रखने के लिए कुछ आसान से उपाय भी आजमाए जा सकते हैं। जैसे कि अपनी पसंदीदा विषयों की किताबें पढऩे की आदत बनाएं। घर के आसपास खाली जगह हो तो वहां गार्डन बनाएं और उसम पौधे रोपित करें। भोजन बनाना धैर्य बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है। इसलिए यदि धैर्य जिंदगी में लाना चाहते हैं तो भोजन बनाना जरूर शुरू कर दें। नई जगहों पर जाएं, जहां आप जाने की ख्वाहिश रखते हों। प्रोफेशनल झूठ बोलने वालों में हम राजनेताओं और वकीलों को शामिल कर सकते हैं और प्रोफेशनल सच बोलने वालों में संतों को। समझदारी इसी में है कि आप सच के साथ खड़े रहे न कि दुनिया को सच बोलना सिखाएं।
मनीषीश्रीसंत ने अंत मे फरमाया गलतफहमी किसी कांटे की तरह होती है चाहे वह चरित्र पर शक करना और जब वह आपके रिश्ते में चुभन पैदा करने लगती है, ये सब चरित्रहीनता के लक्षण होते है। चरित्रहीन कभी भी अपना विकराल रूप धारण कर सकती है ओर इसकी निशानियां रिश्तो मे भी छलकनी लगती है। यही कारण है कभी फूल लगनेवाला रिश्ता आपको खरोंचे देने लगता है। जो जोड़ा कभी एक-दूसरे पर जान छिडक़ता था, एक-दूसरे की बांहों में जिसे सुकून मिलता था और जो साथी की ख़ुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था, वो जब ग़लतफ़हमी का शिकार होने लगता है, तो रिश्ते की मधुरता व प्यार को नफऱत में बदलते देर नहीं लगती। ऐसे में अपने रिश्तें को टूटने से बचाने के लिए कुछ ऐसा करे। यह बात सही है कि बात करने के दौरान आपको कुछ ऐसा सुनने के लिए भी मिल सकता है जो आपको अच्छा ना लगे, पर आपको समस्या का समाधान करना है और इससे अच्छा तरीका कुछ भी नहीं है।