Chandigarh News: जीवन पछताने नहीं आगे बढ़ते रहने का नाम: मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजीआलोक
चंडीगढ, 4 जनवरी: पश्चाताप जीवन का एक ऐसा सत्य है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। हालांकि हमें यह सलाह दी जाती है कि अतीत में क्या हुआ, इस पर पछताना ठीक नहीं। बीती बातों को याद करके दुखी होने से केवल मानसिक तनाव उत्पन्न होगा। फिर भी, पछतावा अक्सर हमारी जीवन यात्रा का अहम हिस्सा बन जाता है। ये शब्द मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजीआलो
क ने सैक्टर 24सी अणुव्रत भवन तुलसी सभागार मे कहे।
दुनिया में कुछ ही ऐसे भाग्यशाली लोग होते हैं, जिनके जीवन में पछतावा नहीं होता या बहुत कम होता है, क्योंकि वे जीवन को अपने तरीके से जीते हैं। युवावस्था में जीवन की गति तेज होती है। तब इतनी सारी चुनौतियां होती हैं सामने और इतने सारे विकल्प कि आगे बढऩे की कोशिश में पछताने का वक्त नहीं मिलता।
लेकिन जैसे-जैसे हम बूढ़े होते हैं और जीवन की गति धीमी होती जाती है, हम अतीत में की गई चीजों और न की गई चीजों पर सोचने लगते हैं। यह समय आत्मनिरीक्षण का होता है, जिसमें हम अपने जीवन की यात्रा और उसके अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हालांकि, यह अक्सर देखा गया है कि लोग अपने जीवन के अंतिम समय में उन चीजों को लेकर पछताते हैं, जो उन्होंने नहीं कीं।
मनीषीसंत ने आगे कहा पछतावा जीवन का हिस्सा है। चाहे हम कितने भी अच्छे कर्म करें, लेकिन कभी न कभी कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जिसका पछतावा जीवन के अंत में हो सकता है। परिणाम नहीं, प्रयास जारी रखना जरूरी: चाहे बात क्रिकेट की हो या पढ़ाई की, प्रैक्टिस यानी अभ्यास से ही परफेक्शन आता हैं। यदि आप परीक्षा में अच्छे अंक या ग्रेड प्राप्त करना चाहते हैं या क्रिकेटर बनना चाहते हैं तो निरंतर प्रयास जारी रखें।
हर दिन पढ़ाई करें, खेल की प्रैक्टिस करें। अक्सर हम अपने लक्ष्य में फेल इसलिए होते हैं, क्योंकि हमारा सारा ध्यान रिजल्ट पर रहता है कि हम फस्र्ट आ जाएंगे तो सबकी तारीफ मिलेगी या फिटनेस का रिजाल्यूशन पूरा कर लेंगे तो हम किसी भी फैशन को फालो कर पाएंगे, इतना पैसा आ जाएगा तो यह फोन या कार खरीद लेंगे। इन ख्वाहिशों के सोच-विचार में पडक़र प्रयास पर से हमारा फोकस हट जाता है।
इसलिए आप परिणाम पर फोकस न करें, बल्कि सिर्फ और सिर्फ अपने प्रयास को बेहतर करने पर फोकस करें। फिर चाहे वह पढ़ाई हो या कोई प्रोजेक्ट। कोशिश करते रहें और अपने शिक्षक या मेंटर की मदद लेने में बिल्कुल नहीं शर्माएं। क्योंकि मेंटर आपको सही गाइडेंस द्वारा कमजोरी से ऊपर उठाकर अपरिहार्य जीत को हासिल करने में मदद कर सकता है।
मनीषीसंत ने अंत मे फरमाया मजबूत इच्छाशक्ति से हर काम संभव: जीवन में किसी भी चीज को पाने के लिए मेहनत से पहले मजबूत इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। जैसे, कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति शुरुआत में किसी चीज को पाना चाहता है, लेकिन धीरे-धीरे उसका हौसला टूटने लगता है या उसका मन बदल जाता है, ऐसा कमजोर इच्छाशक्ति के कारण होता है। इसलिए किसी भी चीज को पाने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है।