Chandigarh News: शहर में भीख मांगने वालों की गिनती दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। शहर के सभी लाइट प्वाइंट, मार्किट शहर को अंदरूनी गलियों और बनारों में भीख मांगने वाले बच्चों से लोग बेहद परेशान है।पटियाला लाइट प्वाइंट, बलटाना लाइट प्वाइंट पर तो जैसे ही लालबत्ती होती है दर्जनों बच्चे गाड़ियों को आकर चिपक जाते हैं। हालांकि
बच्चों ने भीख मांगने का नया तरीका अपना रखा कुछ समान बेचने के बहाने भीख मांगते देखे जा सकते हैं। बच्चों में ज्यादातर महिलाएं बच्चों को गोद में उठाए और युवतियां घूम रही होती है।
कुछ लोग तो गोद में उठाए बच्चों के हालातों को देखते हुए तरस के आधार पर उन्हें भीख के रूप में पैसे भी दे देते हैं। लेकिन कुछ बच्चे तो कार चालकों के पीछे ही पड जाते हैं भले कार का शीशा साफ हो फिर भी जबरदस्ती साफ कर लोगों से पैसे मांगते हैं। यह बच्चे लाइट होते ही भागकर वाहन के अगे आ जाते हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। कई बार काई चालक को नर्वस हो जाते कार का नमंत्रण खो बैठते हैं।
जिस कार कई हादसे होते होते बचे हैं। प्रसाशन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वही कुछ दुकानदारों का कहना है कि भीख मांगना सोसाइटी के लिए अभिशाप है और भीख मांगना अपराध है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि प्रसाशन को इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया के भीख मांगने वाले बच्चे भीख ना मिलने पर किसी नुकीली चीज से गाड़ियों पर स्क्रैच भी डाल देते हैं,जिसका पता मलिक को घर जाकर चलता है।
जैसे ही शाम ढलती है उसके बाद यह लोग कहां गायब हो जाते हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं होती। कुछ लोगों ने बताया कि यह लोग चोरियां भी करते हैं। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि यह एक बहुत बड़ा नेक्सस चल रहा है इन लोगों को सुबह एक गाड़ी छोड़ने आती है और शाम को वही गाड़ी इनको लेकर चली जाती है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि नगर प्रशासन जीरकपुर को भिखारी मुक्त सिटी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए एवं बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई नहीं चाहिए।
क्या कहना है पुकार एनजीओ की प्रधान शिवानी का
इस संबंध बातचीत करने पर पुकार एनजीओ की प्रधान शिवानी ने बताया कि उनकी तरफ से एक बार पहले भी शहर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रयास किया गया था। यह प्रयास काफी हद तक सफल भी रहा मगर प्रशासन की तरफ से साथ न मिलने के कारण शहर में भिखारी की संख्या दोबारा से बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि वह एक बार पहले भी वूमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर डिपार्टमेंट को इस संबंध चिट्ठी लिखकर अवगत करा चुकी हैं, परंतु अभी तक उनकी तरफ से कोई भी ठोस कदम इस संबंध नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि शहर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए संस्था की तरफ से निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं और भविष्य में भी यह प्रयास जारी रहेंगे जब तक जीरकपुर शहर भिखारी मुक्त नहीं हो जाता। इस मकसद के लिए संस्था के सभी सदस्य लगातार कोशिश कर रहे हैं।
शहर की एक एनजीओ हयुगन केयर चेरिटेबल ट्रस्ट के संचालक विकास खरब ने बताया कि उन्होंने शहर के साथ साथ पूरे ट्राईसिटी को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रसाशन का साथ मांग था और इस मुहिम के लिए उन्होंने 7 से 8 एनजीओ को साथ जोड़कर काम करने के रोड मेप बना लिया था। जिसके लिए प्रसाशन का सहयोग जरूरी था और प्रसाशन बात की थी लेकिन प्रसाशन द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।