Chandigarh News: पंचकूला माता मनसा देवी सेवा ट्रस्ट की ओर से दशहरा ग्राउंड सेक्टर 5 पंचकूला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को समापन हो गया। अंतिम दिन चेयरमैन संदीप गुप्ता, प्रधान सचिन गोयल, महासचिव रमन सिंगला, वाइस चेयरमैन हरीश गर्ग, वरिष्ठ उपप्रधान विवेक गुप्ता, उपप्रधान योगेश मित्तल, संयुक्त सचिव तरुण गर्ग, कानूनी सलाहकार संदीप गोयल, सचिव राजीव गुप्ता, वित्त सचिव अजय बंसल, मीडिया सलाहकार कुलदीप गुप्ता सहित अन्य को सम्मानित किया गया। कथावाचक विश्व विख्यात आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने श्री कृष्ण अन्नय, विवाह कृष्ण-सुदामा चरित्र, राजा परीक्षित का मोक्ष की कथा सुनाई।
आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने बताया कि दुनिया जिओ, दुनिया घूमो, ताकि समझ आ जाए कि अंत में सुकून तो भगवान के चरणों में ही मिलेगा, लेकिन वह सब करने से पहले नहीं समझ आएगा। जब तक दुनिया घूमोगे नहीं, तब तक पता नहीं चलेगा, जब घूमोगे तभी पता चलेगा। वैराग्य तो व्यक्ति तभी लेगा, जब जीवन जिएगा। जब उसे समझ आएगा कि कुछ रखा नहीं है, वरना वैराग्य लेने के बाद भी मन मचलता रहेगा। पता नहीं क्या छूट गया। सब कुछ देख लो, लेकिन अंत में जवाब एक ही मिलेगा कि जगत के रंग क्या देखूं? तेरा दीदार काफी है।
जया किशोरी ने कहा कि हर कमरे में कृष्ण है, भगवान श्रीकृष्ण 16108 क्या, पूरी दुनिया ही उनकी है। वह पुरुष स्त्री के हिसाब से नहीं, बल्कि वह सब के पति हैं। देखा जाए तो माना जाता है कि रास में केवल श्री कृष्णा पुरुष के रूप में आ सकते हैं, क्योंकि पुरुष श्री कृष्ण ही हैं और कोई नहीं है। बाकी सब गोपिया हैं, गोपी मतलब यह नहीं कि महिला या पुरुष। गोपी मतलब हम सब, यदि सिर्फ स्त्री होता, तो भोले बाबा कैसे दर्शन कर पाते? असली पुरुष केवल वह हैं, जो सबके पति हैं। गोपी मतलब भक्त, बाकी सब गोपिया हैं। सतर्दिक नामक राजा हुए।
उन्होंने सूर्णयन भगवान की पूजा की, उन्हें प्रसन्न किया भगवान प्रसन्न होते हैं और पूछते हैं कि क्या चाहिए? राजा ने कहा वरदान तो कुछ नहीं चाहिए, मैंने तो केवल दर्शन के लिए किया। ऐसे भक्त कम मिलते हैं। भगवान बहुत परेशान हुए, वह गले में एक मनी पहनते थे, जिसका नाम था सामयनतक मनी। राजा हर जगह वह मनी पहन कर जाते लगे। पुरुष का स्वभाव है कि उसके हाथ कुछ कीमती चीज लग जाए, तो वह उसका दिखावा बहुत करता है। व्यक्ति की आदत है कि वह केवल सामने वाले को बोलता है, वह दूसरे पर जो टिप्पणी करता है, लेकिन उसका आधा भी खुद नहीं मानता है।
भगवान की जब राजा की मणि पर नजर पड़ी, तो भगवान को हंसी आ गई कि कैसी हरकत कर रहा है? भगवत कृपा का दिखावा कर रहा है। राजा ने देख लिया, तो राजा ने कहा कि कृष्ण मुझसे जलते हैं। राजा का भाई मणि पहनकर एक शिकार पर गया। शेर से आमना-सामना हो गया और शेर मनी लेकर भाग गया। शेर का सामना एक रीछ से हो गया। रिच ने शेर को मार दिया और वह मनी लेकर भाग गया। रीछ ने अपने बच्चों को वह खिलौने के रूप में दे दिया कोई और रीछ कोई और नहीं बल्कि जामवंत जी थे। राजा मौके पर पहुंचे, तो भाई का शरीर पड़ा था, लेकिन मनी गायब थी।
राजा ने कहा कि जानवरों को मेरी मनी से कोई लेना-देना नहीं, केवल एक ही है, जिसने मेरी मनी की तारीफ नहीं कि वह है, श्री कृष्ण। वह तो प्रसिद्ध है, उसने ही मेरी मनी चुराई है। भगवान वहां आए, उन्होंने देखा कि वहां पर शेर के पैरों के निशान थे, आगे रीछ के पैरों के निशान भी दिखे, वह इन पैरों का पीछा करते-करते रीछ के गुफा में पहुंच गए, वहां देखा तो मनी चमक रही थी। भगवान ने कहा कि यह मनी देवताओं की है और वापस कर दो। रीछ ने कहा कि मनी चाहिए तो युद्ध करो। जामवंत को शुरुआत में ही समझ आ गया था कि वह शक्तिशाली है और वह खेल खेल रहे हैं। कुछ देर भगवान ने युद्ध किया, लेकिन फिर बाण उठाया, तो जामवंत को साक्षात श्रीराम के दर्शन हो गए।
इस अवसर पर चेयरमैन संदीप गुप्ता, प्रधान सचिन गोयल, महासचिव रमन सिंगला, वाइस चेयरमैन हरीश गर्ग, वरिष्ठ उपप्रधान विवेक गुप्ता, उपप्रधान योगेश मित्तल, संयुक्त सचिव तरुण गर्ग, कानूनी सलाहकार संदीप गोयल, सचिव राजीव गुप्ता, वित्त सचिव अजय बंसल, मीडिया सलाहकार कुलदीप गुप्ता, ट्रस्टी आशीष मित्तल, अजय गर्ग, आशीष गुप्ता, दिनेश आनंद, जगमोहन गर्ग, जनिश मित्तल, कपीश गोयल, एलएन माहेश्वरी, प्रदीप गोयल, मनोज लाहौरीवाला, मुकेश गर्ग, नीरज गुप्ता, निखिल गुप्ता, ओपी गुप्ता, पवन गोयल, परविंदर ढींगरा, प्रमोद गोयल, राजेश जिंदल, राकेश अग्रवाल, रवि गोयल, ऋषभ ऋषि, सतपाल गर्ग, संदीप सिंगला, संजय मित्तल, संजीव गोयल, संदीप गर्ग, विपुल मित्तल, विशाल केडिया सहित अन्य उपस्थित रहे।