Chandigarh News: 2 जुलाई से शुरू हुई सावन मास, 50 वर्षों के बाद बन रहा है चंद्र महाअधियोग

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चंडीगढ़ (मंजीत सहदेव): इस बार सावन में चंद्रमहाधियोग बन रहा है। यह दुर्लभ योग 50 वर्षों के बाद बनरहा है। खास बात यह इस सावन का शुभारंभ सोमवार से और अंत भी सोमवार सेहो रहा है कि इस योग में भगवान शिव को रोज 108 बेलपत्र से पूजन कियाजाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

सावन का शुभारंभ 22 जुलाई दिन सोमवार से होगा। श्रावण का प्रारंभ यानिप्रतिपदा 21 जुलाई दिन रविवार को दोपहर बाद 3 बजकर 48 मिनट से शुरू होरहा है। यह अगले दिन 22 जुलाई दिन सोमवार को दोपहर 1 बजकर 12 मिनटपर समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई की सुबह 5 बजकर 38 मिनटपर सूर्योदय है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि दिन का प्रारंभ सूर्योदयकाल से होता है। इसलिए 22 जुलाई से सावन का शुभारंभ होगा।

सूर्योदय के समय कर्क लग्न है। कर्क का स्वामी चंद्रमा है। नक्षत्र श्रवण है। चंद्रमासे सप्तम और अष्टम स्थान में शुभ ग्रह है। चंद्रमा से सप्तम में शुक्र और अष्टम मेंबुध होने के कारण और दिन सोमवार और श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। येतीनों योग होने के कारण चंद्रमहाधियोग बन रहा है।

इस प्रकार करें पूजा यह होगा लाभ….

बताया है कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से हृदय की बीमारी औरकफ की बीमारी में लाभ होगा। यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा नीच का हो, मारकेश हो तो उसकी शांति के लिए कुशा के जल से अभिषेक करें। वाहन सुखके लिए दही से, व्यापार में लाभ और नौकरी में प्रमोशन के लिए गन्ना के रस से, मृत्यु के भय को दूर करने के लिए शहद और घी से अभिषेक कीजिए। संतान सुखके लिए गाय का दूध से और विद्या प्राप्ति के दूर्वा चढ़ाना चाहिए।

दो अगस्त को होगी सावन की शिवरात्रि

सावन की त्रयोदशी 1 अगस्त दिन वीरवार को है। श्रावण की शिवरात्रि 2 अगस्तको है। एक अगस्त दिन वीरवार को दोपहर बाद 3 बजकर 29 मिनट पर द्वादशीतिथि समाप्त होकर त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रहाहहै। सूर्यास्त शाम 7 बजकर 13 मिनट पर है। सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक प्रदोष काल है। यदि त्रयोदशी प्रदोषकाल में हो तो उसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है।

2 अगस्त दिन शुक्रवार को चतुर्दशी तिथि दोपहर 3 बजकर 28 बजे प्रारंभ होताहै। यह 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो रहा है। सूर्यास्तके बाद जो आठवां मुहूर्त होता है उसी में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसलिए सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को होगी। नागपंचमी 9 अगस्त दिन शुक्रवार कोमनाई जाएगी।