Chandigarh News: पंजाब बंद आज ,चार जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर होगी विशाल किसान महापंचायत; डल्लेवाल करेंगे संबोधन

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Chandigarh News|चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा की सीमा शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने सोमवार 30 दिसंबर को पंजाब बंद का एलान किया है। किसानों के इस फैसले को समर्थन मिल रहा है। किसानों के प्रदर्शन में पनबस पीआरटीसी वर्कर यूनियन के कर्मचारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा अन्य किसान यूनियनों ने भी पंजाब बंद को समर्थन देने की बात कही है।

पंजाब बंद के चलते केवल आपातकालीन सेवाओं को छोड़ सभी सेवाएं बंद रखी जाएंगी। किसानों के पंजाब बंद के एलान के बाद पूरे पंजाब में लोगों से बंद को समर्थन देने की अपील की गई है। इसके बाद चार जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर विशाल किसान महापंचायत की जाएगी।
लुधियाना में किसानों ने पंजाब बंद के समर्थन में एक दिन पहले रविवार को ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर जहां लोगों से बंद का समर्थन मांगा। किसानों का कहना है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 34 दिन से आमरण अनशन पर हैं। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर गौर नहीं कर रही है। ऐसे में किसानों ने पंजाब बंद का फैसला लिया है।

इधर, पंजाब बंद के संबंध में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से फगवाड़ा हाईवे पर शुगर मिल चौक पर मोर्चा लगा कर सड़क यातायात बंद किया जाएगा। सुबह सात बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पंजाब बंद रहेगा। इस दौरान समूह गैर सरकारी संगठनों से बंद को सफल बनाने और बंद में शामिल होने की अपील की गई है। 

11 महीने से चल रहा किसान आंदोलन

एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी समेत कईं मांगों को लेकर किसानों ने पटियाला के शंभू बार्डर पर 13 फरवरी को आंदोलन 2.0 शुरू किया। इसे शुरू हुए आज करीब 11 महीने हो चुके हैं। इस दौरान दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे किसानों व हरियाणा पुलिस प्रशासन के बीच कईं बार टकराव भी हो चुका है। इसमें एक नौजवान की मौत भी हुई है।

तीन बार दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके किसान

सुप्रीम कोर्ट भी लगातार इस मामले पर अपनी टिप्पणी देने के अलावा पंजाब व केंद्र सरकारों को आदेश जारी कर रही है। इसी महीने दिसंबर में किसानों ने तीन बार शंभू बॉर्डर के जरिये दिल्ली कूच के लिए रवानगी की। 101 किसानों का मरजीवड़ा जत्था पहले छह तारीख को, फिर आठ को और इसके बाद 14 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए रवाना हुआ। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोलों, वाटर कैनन बगैरा का इस्तेमाल भी किया गया। कईं किसान इस टकराव में घायल भी हुए। लेकिन अभी भी किसानों के हौंसले बुलंद हैं और हाड कंपा देने वाली इस ठंड में भी किसान शंभू व खन्नौरी बार्डरों पर डटे हैं। किसानों का रूख साफ है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, बार्डरों से हटेंगे नहीं। फिर चाहे इसमें कितना ही समय और कितनी ही कुर्बानियां क्यों न देनी पड़ें।