Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके अन्तर्गत 50 लाख रूपये तक की परियोजना लागत की इकाईयों को बैंकों से वित्त पोषण प्रदान करवाकर सरकारी सहायता के रूप में 15 से 35 प्रतिशत तक मार्जिन मनी अनुदान दिया जाता है।
उपायुक्त मोनिका गुप्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए आयोजित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थी।
उन्होंने बताया कि योजना का क्रियान्वयन जिला उद्योग केन्द्र द्वारा शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी का कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है। लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। लाभार्थी और उसके परिवार द्वारा राज्य या केन्द्र सरकार की किसी अन्य अनुदानपरक योजना के अन्तर्गत सब्सिडी का लाभ प्राप्त नहीं किया गया हो।
उन्होंने एमएसएसई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही जिला की सभी आईटीआई में एक-एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया जाए, ताकि युवाओं को पता हो कि उसे कोर्स पूरा करने के बाद काम के लिए ऋण उपलब्ध हो सकता है और वो अपने व्यवसाय को शुरू करके आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग नेहरू युवा केन्द्र के साथ तालमेल बनाएं और डीसीडब्ल्यू विभाग द्वारा चलाए जा रहे ब्यूटी केन्द्र की युवतियों व महिलाओं को भी इस योजना से अवगत करवाकर उन्हें लाभ दिलवाने का कार्य करें।
एमएसएमई के उप निदेशक प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला को करीब 72 लाख रूपये के लिए आवेदन करवाने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि जिला ने एक करोड़ 51 लाख रूपये के लिए आवेदन करवाकर उन्हें स्वीकृत भी करवाया है।
इस बैठक में नगर निगम संयुक्त आयुक्त सिमरनजीत कौर, नगराधीश विश्वनाथ, एमएसएमई के उप निदेशक प्रदीप कुमार, रोहित टंडन, एलडीएम गजल शर्मा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी विशाल पराशर, नगर परिषद कालका ईओ जरनैल सिंह, बीडीपीओ पिंजौर विनय प्रताप, जिला परिषद के पीओ चिराग मेहरा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।