Chandigarh News: 33 करोड़ की लागत से ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने में लग रही है घटिया सामग्री

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Chandigarh News: हरियाणा विकास प्राधिकरण (HUDA) द्वारा पंचकूला के सेक्टर-20 में बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को 33 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया जा रहा है। हालांकि, इस परियोजना में घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, निर्माण कार्य में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की जा रही है, और संबंधित अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

गोल बजरी का अवैध उपयोग

 ठेकेदार  द्वारा लेंटर और निर्माण कार्यों में गोल बजरी का इस्तेमाल किया जा रहा है जोकी मानकों के खिलाफ है, क्योंकि यह संरचना की मजबूती को प्रभावित करता है। लेकिन ठेकेदार द्वारा अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर गोल बजरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
स्थानीय निवासियों और निर्माण से जुड़े जानकारों का कहना है कि ट्रीटमेंट प्लांट के अपग्रेडेशन में गुणवत्ता को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप

सूत्रों के मुताबिक, ठेकेदार को अधिकारियों का पूरा संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते घटिया सामग्री का इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है। निर्माण स्थलों पर निरीक्षण के बावजूद अधिकारियों द्वारा इन खामियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हरियाणा विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार गहराई तक पैठ जमा चुका है।
पंचकूला के निवासियों में इस परियोजना को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि यदि 33 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा निर्माण कार्य घटिया सामग्री के साथ पूरा होगा, तो यह भविष्य में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

सेक्टर वासियों ने प्रशासन से की विजिलेंस जांच क मांग

स्थानीय लोगो ने सरकार से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जा सके।
पंचकूला सेक्टर-20 के ट्रीटमेंट प्लांट का यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और नागरिक सुरक्षा से खिलवाड़ का भी है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो इससे परियोजना की स्थिरता और सार्वजनिक विश्वास दोनों को नुकसान पहुंचेगा। हरियाणा सरकार और संबंधित प्राधिकरण को इस मामले को प्राथमिकता से लेकर जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।