Chandigarh News | चंडीगढ़ : एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर रविवार दोपहर दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने फिर शंभू सीमा पर रोक दिया। पुलिस ने किसानों का पहले फूल बरसाकर स्वागत किया और चाय बिस्किट भी खिलाए, लेकिन कूच पर अड़े किसान जब बैरिकेडिंग पर चढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार भी की। इसमें सात किसान घायल हो गए, जिनमें चार की हालत गंभीर है। एक किसान को पीजीआईजी चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
करीब चार घंटे चले टकराव के बाद शाम करीब चार बजे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कूच के लिए निकले 101 सदस्यीय मरजीवड़ा जत्थे को वापस बुला लिया। पंधेर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही मिर्ची स्प्रे किया और रबड़ की गोलियां भी चलाईं, जिससे किसान घायल हुए हैं। देर शाम हरियाणा व पंजाब पुलिस की किसानों के साथ बैठक हुई।
इसके बाद पंधेर ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की ओर से केंद्र सरकार के साथ वार्ता कराने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली कूच एक और दिन के लिए टाल दिया है। पंधेर ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। किसानों को देश विरोधी दिखाया जा रहा है। किसान पैदल जा रहे थे। उनके पास कोई हथियार नहीं था। फिर भी क्यों पुलिस उन्हें रोक रही है।
किसानों की ओर से पहचान पत्र न दिखाए जाने के बारे में पंधेर ने कहा कि जिन 101 किसानों की सूची पंजाब व हरियाणा सरकारों को दी गई थी, वही कूच के लिए गए थे। हरियाणा पुलिस प्रशासन की ओर से जिस तरह का व्यवहार किसानों के साथ किया जा रहा है वह बेहद निंदनीय है। उधर, खनौरी में 12 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है।
पहचान पत्र को लेकर बहस
किसानों के शंभू सीमा पर पहुंचने के बाद पहचान पत्र दिखाने को लेकर हरियाणा पुलिस और किसानों में बहस हो गई। पुलिस पहचान पत्र देखने पर अड़ी रही, जबकि किसानों ने कहा कि पहले जत्थे को जाने दें, फिर आईडी दिखाएंगे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास जो सूची है, जत्थे में वो किसान हैं ही नहीं। पुलिस ने किसानों से दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करने संबंधी दिल्ली पुलिस का अनुमति पत्र भी मांगा।
बचाव के लिए बांटे मास्क और चश्मे : किसान नेताओं ने कूच पर निकले जत्थे को चश्मे और मास्क बांटे, ताकि आंसू गैस के गोलों के जहरीले धुएं व मिर्ची स्प्रे से बचाव हो सके।
सुप्रीम कोर्ट से सड़कें, रेल ट्रैक खाली कराने की मांग : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण अवरुद्ध राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को खाली कराने के लिए केंद्र व अन्य एजेंसियों को निर्देश देने की मांग की गई है।
पंजाब के एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इन राजमार्गों को खाली कराने के अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसानों के आंदोलन के कारण राजमार्ग और रेलवे ट्रैक जाम न हों।
याचिकाकर्ता का कहना है कि किसानों ने पिछले एक साल से पंजाब में शंभू सीमा और पिछले 24 अक्तूबर से अन्य कई सड़कों को बंद कर रखा है। एक सीमावर्ती राज्य में इस तरह से सड़कों को बंद करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि इससे सैन्य आवागमन प्रभावित होता है। इस याचिका पर सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर सकती है।