Chandigarh News: चंडीगढ़- हाल ही में, पीएम मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन के अंतरराष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन-2024 का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट किया कि, ‘मोदी जी ने ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प के माध्यम से लाखों गाँवों, करोड़ों महिलाओं और किसानों की समृद्धि का रास्ता खोला।’
पीएम मोदी के नेतृत्व और अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय सहकारिता क्षेत्र के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रहा है। बीते तीन वर्षों में देश में सहकारिता आंदोलन को ना सिर्फ गति प्रदान की गई है बल्कि जमीनी स्तर पर उसकी पहुँच को व्यापक बनाने की कवायद भी तेजी से जारी है।
कृषि, डेयरी, मत्स्यपालन, बुनाई, ऋण और व्यापार सहित कई प्रकार की गतिविधियों में सक्रिय ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़’ सहकारिता क्षेत्र को आजादी के बाद भी वर्षों तक उपेक्षा का शिकार बना कर रखा गया था, जबकि देश की आधी से ज्यादा आबादी किसी-न-किसी रूप में सहकारिता से जुड़ी हुई है। ऐसे में, सहकारिता क्षेत्र को एक नया क्षितिज प्रदान करने के लिए मोदी सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय के गठन का ऐतिहासिक निर्णय लिया था,। जहाँ मोदी ने स्वायत्त सहकारिता मंत्रालय का गठन करके ‘सहकार से समृद्धि’ की संकल्पना को साकार करने का काम किया, वहीं जन कल्याण से जुड़ी नीतियों के लिए प्रसिद्ध भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता की नींव को मजबूत बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। देश भर के राज्यों में सहकारी समितियों का निर्माण और इसका मजबूत ढाँचा आज इसकी मिसाल पेश कर रहे हैं।
2 लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की स्थापना के बाद भारत में एक भी गाँव ऐसा नहीं रहेगा, जहाँ कोई सहकारी संस्था न हो। पैक्स को आधुनिक और तकनीकयुक्त बनाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से viable बनाने का काम भी जोर-शोर से चल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित तीन नए कोऑपरेटिव्स – राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) – के माध्यम से भारत का किसान न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया के बाज़ार तक अपनी पहुँच को बढ़ा सकेगा। इफ्को, कृभको और अमूल ने सहकारिता के क्षेत्र में पूरी दुनिया में उदाहरण पेश किया है और इसी प्रकार ये तीनों कोऑपरेटिव्स भी दुनिया के सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का मार्गदर्शन करेंगी। मोदी जी की दूरदर्शिता और शाह की नीतियों से प्रेरित होकर सहकारिता मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़’ सहकारिता को अधिक प्रासंगिक बनाने और उसके माध्यम से ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रहा है।
जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की जोड़ी ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ कई वर्षों से तिरष्कृत रही सहकारी समितियों को नया आयाम प्रदान करने में प्रयासरत हैं, ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि ‘संकल्प से सिद्धि’ की यह यात्रा बेमिसाल उपलब्धियों से भरा रहेगा।