Chandigarh News: पोषण भी पढ़ाई भी प्रशिक्षण कार्यक्रम का पिंजौर ब्लॉक

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Chandigarh News: महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख पहल “पोषण भी पढ़ाई भी” के तहत एक तीन दिवसीय गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम का पिंजौर ब्लॉक, पंचकूला में 20 जनवरी से 22 जनवरी 2025 तक सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) श्रीमती सीमा रोहिल्ला के मार्गदर्शन में, नोडल अधिकारी श्रीमती आरु वशिष्ठ (WCDPO – पिंजौर) और रॉकेट लर्निंग की जिला समन्वयक विशवप्रीत और उनकी समर्पित टीम के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में 100 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित प्रमुख हस्तक्षेपों को एकीकृत करना था। सत्रों का संचालन दो राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स (SLMTs) और NIPCCD के क्षेत्रीय केंद्र मोहाली की उपनिदेशक श्रीमती सुनीता शशाद्री सहित NIPCCD के टीम सदस्यों ने किया, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले ज्ञान हस्तांतरण और व्यावहारिक क्रियान्वयन रणनीतियों को सुनिश्चित किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नवीन उपकरण और तकनीक प्रदान करना था, ताकि वे माता-पिता को सक्रिय रूप से जोड़ सकें, सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित कर सकें और बच्चों के समग्र विकास के लिए एक मजबूत आधार बना सकें। सत्रों में संवादात्मक गतिविधियों और व्यावहारिक अभ्यासों को शामिल किया गया, ताकि प्रशिक्षण के ज्ञान को बेहतर तरीके से समझा और लागू किया जा सके।

श्रीमती आरु वशिष्ठ ने प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा के एकीकरण के महत्व को भी रेखांकित किया।

जिला समन्वयक विशवप्रीत ने प्रशिक्षण के परिणाम से संतोष व्यक्त करते हुए कहा, *“आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दिखाए गए उत्साह और प्रतिबद्धता उनके बच्चों के बेहतर भविष्य के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। यह प्रशिक्षण समुदायों को ज्ञान और संसाधनों से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

यह पहल सरकारी और रॉकेट लर्निंग जैसे साझेदार संगठनों के सामूहिक प्रयासों का एक और मील का पत्थर है, जो जमीनी स्तर पर शिक्षा और पोषण कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।