Chandigarh News : ओजस में हुई फिजिशियन-मॉडिफाइड फेनेस्ट्रेटेड एंडोवैस्कुलर एनेयुरिज़्म रिपेयर सर्जरी

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Physician-Modified Fenestrated Endovascular Aneurysm Repair Surgery done at Ojas

(Chandigarh News) पंचकूला। अल्केमिस्ट हॉस्पिटल्स की यूनिट ओजस हॉस्पिटल, पंचकूला में 73 वर्षीय महिला मरीज में जीवन के लिए खतरा बनी ऐऑर्टिक (महाधमनी) एन्यूरिज़म का क्षेत्र की पहली फिजिशियन-मॉडिफाइड फेनेस्ट्रेटेड एंडोवैस्कुलर एनेयुरिज़्म रिपेयर (ईवीएआर) सर्जरी दुवारा सफलतापूर्वक इलाज किया गया। यह जटिल लेकिन मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, वैस्कुलर केयर के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है और ट्राईसिटी में अब तक की गई केवल पांच ऐसी सर्जरियों में से एक है।

मरीज की ऐऑर्टिक में 6 सेंटीमीटर चौड़ा एन्यूरिज़म था जो दिल से पूरे शरीर में खून पहुंचाने वाली मुख्य धमनी का खतरनाक रूप से फूल जाना होता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो इसके फटने का खतरा होता है, जिससे मृत्यु दर 80-90 प्रतिशत तक होती है। पारंपरिक ओपन सर्जरी जो अब तक इसका एकमात्र इलाज था , बुज़ुर्ग मरीजों के लिए अत्यधिक जोखिम भरा होता है, जिसमें 7-8 घंटे की सर्जरी और दोनों किडनियों व आंतों की धमनी के बायपास शामिल होते हैं।

इन जटिलताओं से बचने के लिए, ओजस और एल्केमिस्ट हॉस्पिटल के वरिष्ठ वैस्कुलर सर्जन डॉ अंकुर अग्रवाल के नेतृत्व में वैस्कुलर टीम ने फिजिशियन-मॉडिफाइड फेनेस्ट्रेटेड तकनीक अपनाई।

डॉ अग्रवाल ने बताया, यह अत्याधुनिक प्रक्रिया हमें ऑपरेशन टेबल पर ही स्टेंट में छोटी-छोटी फेनेस्ट्रेशन (होल) बनाकर उसे मरीज की स्थिति के अनुसार अनुकूलित करने की सुविधा देती है, ताकि मुख्य धमनी से निकलने वाली किडनी और आंतों की महत्वपूर्ण धमनियों में रक्त प्रवाह बना रहे।

श्स्टेंट शरीर के अंदर लगाने के बाद इन फेनेस्ट्रेशन के माध्यम से चार अतिरिक्त स्टेंट डाले जाते हैं ताकि आवश्यक अंगों तक निरंतर रक्त आपूर्ति बनी रहे। पूरी सर्जरी केवल 3 सेंटीमीटर की छोटी सी चीरा से की गई जो पारंपरिक ओपन सर्जरी में लगने वाले बड़े चीरे की तुलना में कहीं कम है, और मरीज को मात्र दो दिन बाद ही स्थिर स्थिति में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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