Chandigarh News: चंडीगढ़ आज समाज चंडीगढ़ महान स्वतंत्रता सेनानी और संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य रहे चौ. रणबीर सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। इसमें पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कई वरिष्ठ नेताओं और गणमान्य लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी को नमन किया। साथ ही सभी लोगों ने संविधान की रक्षा की शपथ ली। क्योंकि लगातार सत्ताधारी भाजपा के नेता संविधान को बदलने की बयान बाजी कर रहे हैं।
इस मौके पर हुड्डा ने उनके जीवनकाल को याद करते हुए कहा कि पिता जी का सारा जीवन देश व समाज की सेवा में गुजरा। उन्होंने पहले देश की आजादी के लिए संघर्ष किया व जेल काटी।
फिर आजादी के बाद उन्होंने किसानों, दलितों व वंचितों को अधिकार दिलवाने के लिये संघर्ष किया। चौ. रणबीर सिंह जी ने संविधान सभा में 23 नवंबर, 1948 को सबसे पहले किसानों को एमएसपी देने का प्रस्ताव रखा था। उनकी मांग के बाद ही देश में आगे चलकर एमएसपी लागू हुई।
इतना ही नहीं, उन्होंने संविधान सभा में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग भी उठाई थी। साथ ही गौरक्षा के लिए कदम उठाने, पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव रखे थे।
हुड्डा ने बताया कि चौ. रणबीर सिंह जी ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।संयुक्त पंजाब में सिंचाई मंत्री रहते हुए। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसका उद्घाटन 22 अक्टूबर, 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। इस बाँध से विभिन्न राज्यों को सिंचाई, बिजली उत्पादन व बाढ़ नियंत्रण में मदद मिली।
आजादी के आंदोलन में भागीदारी पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि चौ. रणबीर सिंह ने कई साल 8 विभिन्न जेलों में काटे। इसमें से 4 आज भारत में हैं और 4 पाकिस्तान में। चौ. रणबीर सिंह दुनिया के अकेले ऐसे शख्स हैं, जो 7 भिन्न-भिन्न सदनों के सदस्य रहे। वे कांस्टिट्यूएंट असेम्बली, कांस्टिट्यूएंट लेजिसलेटिव असेम्बली, प्रोविजनल पार्लियामेंट, लोकसभा, राज्यसभा, पंजाब विधानसभा तथा हरियाणा विधानसभा के सदस्य रहे। उनका यह अद्भुत रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सम्मान के साथ दर्ज है।
बजट पर प्रतिक्रिया
श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इनकम टैक्स में राहत देने के फैसले से बहुत कम लोग लाभान्वित होंगे। गरीब और मिडिल क्लास महंगाई व अप्रत्यक्ष कारों में राहत की उम्मीद लगाए बैठा था।
लेकिन महंगाई कम करने के नाम पर बजट पूरी तरह खामोश रहा। इतना ही नहीं, इस बजट में रोजगार सृजन और निवेश को बढ़ाने का भी कोई रोडमैप नजर नहीं आता। किसानों के लिए भी बजट में कोई ऐलान नहीं किया गया और कहीं भी इसमें एमएसपी गारंटी की बात नहीं कही गई। ना किसान कर्जमाफी का कोई एलान ना आमदनी बढ़ाने वाला कोई प्रावधान है।
महिला और ग्रहणी भी बजट से बेहद मायूस नजर आए। यूपीए सरकार की अपेक्षा हेल्थ और शिक्षा पर तुलनात्मक कम खर्च कर रही एनडीए सरकार हेल्थ में 4%तक कि गिरावट है।