Chandigarh News: चितकारा यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय रंगमंच उत्सव: रंगरेज़ 2024 का शानदार आयोजन

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Chandigarh News:चंडीगढ़ । चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब ने राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव रंगरेज 2024 की शानदार मेजबानी की, इस वर्ष इस महोत्सव का थीम था “ज़िक्र- यादों की भाषा, अभिव्यक्ति का मंच। इस कार्यक्रम में मानवीय स्थिति को प्रतिबिंबित करने, रचनात्मकता, प्रतिभा और सांस्कृतिक विविधता को एक साथ लाने की रंगमंच की शक्ति का जश्न मनाया गया।
महोत्सव का शुभारम्भ चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर,डॉ. मधु चितकारा और मुख्य अतिथि सुबोध पोद्दार, प्रसिद्ध विज्ञापन और फिल्म निर्देशक की उपस्थिति के बीच में एक प्रेरणादायक उद्घाटन सत्र के साथ हुआ। इसमें जजों का एक प्रतिष्ठित पैनल, जिसमें स्वीटी रुहेल, वंश भारद्वाज और चक्रेश कुमार जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल थे। भारत के अलग अलग प्रद्रेशों जैंसे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश से आए प्रतिभागियों ने आकर्षक प्रदर्शन किया। उनकी असाधारण प्रतिभा को पुरूस्कृत करने के लिए 6 लाख रुपये की पुरस्कार राशि रखी गई थी।
इस महोत्सव में अनेक जीवंत प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें प्रोसेनियम नाटक, नुक्कड़ नाटक, मोनोलॉग, फ्रिंज थिएटर और ज़िक्र-ए-अल्फ़ाज़ ओपन माइक सत्र आदि शामिल थे। प्रभ गिल के भावपूर्ण गायन और डीजे अली मर्चेंट की धुनों ने महोत्सव की रौनक को और बढ़ा दिया। स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल्स ने जीवंत माहौल को और बढ़ा दिया।
स्टेज प्ले में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया और हलकारा थिएटर ग्रुप, कुरुक्षेत्र, हरियाणा, ने दूसरा और प्रयास थिएटर ग्रुप, कैथल, हरियाणा, ने तीसरा स्थान हासिल किया। मसखरे थियेटर ग्रुप, हरियाणा को सांत्वना पुरस्कार मिला।
समापन समारोह में बोलते हुए डॉ. मधु चितकारा ने कहा कि रंगमंच में लोगों की भावनाओं से जुड़ने और कहानियाँ सुनाने की एक शाश्वत क्षमता है, “ रंगरेज़ 2024”, जोकि आज एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया, आने वाले वर्षों में निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर लेगा। यह मंच प्रतिभा को निखारता और उनका पोषण करता है और एक अनोखे और सार्थक तरीके से कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देता है। रंगरेज 2024 ने साबित कर दिया कि यह मंच भारतीय संस्कृति की समृद्ध छटा और उसके विविध अनुभव का जश्न मनाते हुए मानवीय अनुभवों के सार को दर्शाने का एक सशक्त माध्यम है।