Chandigarh News: पंजाब की फार्मा कंपनी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लगाया पाँच करोड़ जुर्माना

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Chandigarh News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब की एक फार्मा कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साहिबजादा अजीत सिंह नगर (नवांशहर) जिले के गांव हैबतपुर स्थित नेक्टर लाइफ साइंसेज लिमिटेड के खिलाफ यह कार्रवाई की है। पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एनजीटी ने कंपनी पर 5 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है। नेक्टर लाइफ साइंसेज एक दवा कंपनी है जो एंटीबायोटिक दवा बनाती है। यह कंपनी कथित तौर पर अत्यधिक प्रदूषित रासायनिक अपशिष्ट को खेतों में बहा रही थी, जिससे फसलों और भूमि को भारी नुकसान हुआ।

एनजीटी ने पंजाब स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीएसपीसीबी) की कार्यक्षमता पर भी सवाल उठाए हैं। ट्रिब्यूनल ने बोर्ड को निर्देश दिया कि वह दोषी कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करे और पर्यावरणीय मुआवजे की अंतिम राशि निर्धारित करे।

ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) पूरा करने में विफल

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कंपनी अब तक जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) मानकों को पूरा नहीं कर पाई है और लगातार जल अधिनियम का उल्लंघन कर रही है।

एंटीबायोटिक युक्त अपशिष्ट का निस्तारण

कंपनी मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स का उत्पादन करती है। अपशिष्ट जल में सेफालोस्पोरिन एंटीबायोटिक्स जैसी दवाइयों के अवशेष मौजूद हैं। जो अत्यधिक जहरीले और अवक्रमण में कठिन होते हैं। एनजीटी ने अपशिष्ट जल की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।

5 करोड़ का अंतरिम जुर्माना 

कंपनी का सालाना टर्नओवर 1,698.66 करोड़ रुपये है। एनजीटी ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 0.5% टर्नओवर के आधार पर 8.5 करोड़ रुपये के मुआवजे की गणना की। अंतरिम रूप से 5 करोड़ रुपये का जुर्माना पीएसपीसीबी को दो महीने के भीतर जमा करने का आदेश दिया गया है।

अवैध जल निकासी और धुएं का उत्सर्जन

एनजीटी ने कहा कि कंपनी ने कई पर्यावरणीय उल्लंघन किए हैं। जिनमें बॉयलर से काला धुआं छोड़ना। अपशिष्ट जल का गलत तरीके से निस्तारण करना। अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) का आंशिक संचालन। भूजल उपयोग के आंकड़ों में हेरफेर करना आदी शामिल है।

भविष्य के लिए कड़े निर्देश

एनजीटी ने पीएसपीसीबी को निर्देश दिया कि वह नियमित तौर पर जांच करे और सुनिश्चित करे कि कंपनी पर्यावरणीय कानूनों का सख्ती से पालन कर रही है। साथ ही पुराने उल्लंघनों के लिए कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं।