Chandigarh News: चंडीगढ़ संजय अरोड़ा चंडीगढ़ कला ग्राम में दिसंबर की हवा में दिख रही ठंडक ने मेला प्रेमियों के उत्साह को कम नहीं होने दिया। वे हजारों की संख्या में कलाग्राम में भारत के रंगों का आनंद लेने के लिए और इस मेगा इवेंट का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे।ट्राईसिटी के दूर-दराज के इलाकों से आए उत्साही मेला प्रेमियों ने नियमित मंच प्रदर्शनों के लिए सुबह और शाम के सत्रों का भरपूर आनंद लिया।
इसमें मुरली राजस्थानी द्वारा राजस्थानी लोक गायन भी शामिल था। इसके बाद डोगरी (जम्मू-कश्मीर), कालबेलिया (राजस्थान), मथुरी (तेलंगाना) होजागिरी (त्रिपुरा), बिहू (असम), पुरुलिया छाऊ (पश्चिम बंगाल), पुंग चोलम/ढोल चोलम/धंगता (मणिपुर), सिरमौरी नाटी (हिमाचल प्रदेश), बधाई (मध्य प्रदेश), बाल्टी (लद्दाख) ‘कच्ची गोरी (राजस्थान) और धमाली (जम्मू-कश्मीर) सहित विभिन्न क्षेत्रों के शानदार लोक नृत्य ने सभी का मनोरंजन किया।
बुधवार को मैदानी प्रदर्शनों में बेहुरूपिया, नाचार (पंजाब) नगाड़ा और बीन जोगी (हरियाणा) बाजीगर, कठपुतली (पपेट शो), नगाड़ा आदि ने सभी का मन मोह लिया। मेहमानों ने इसके अलावा विशेष रूप से किशोर-वीनी जनजाति के प्रदर्शन का आनंद लिया। यह मौका उनके लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया।
दिन की अन्य नियमित विशेषताओं में बच्चों के लिए दैनिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और चंडीगढ़ ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित “शिल्प मेले की झलकियां’ विषय पर ऑन-द-स्पॉट फोटोग्राफी प्रतियोगिता शामिल थी। मेले स्थल पर स्थापित हेरिटेज स्ट्रीट और पंजाब गांव शहरी लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने रहे। ऊंट की सवारी ने युवा और वृद्ध दोनों को बहुत मज़ा दिया।
खाने के शौकीनों ने स्वाद को बढ़ाते हुए कई तरह के भोजन को चखा। वे हर स्टॉल पर नई-नई चीजों को खाने के लिए चुनते रहे। कपड़े और फर्नीचर के स्टॉल पर खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई और आर्टिफिशियल ज्वेलरी और ऊनी कपड़ों के स्टॉल और अन्य पर भी यही स्थिति रही।
शाम के स्टार गायक फिरोज खान थे, जिन्होंने अपने लोकप्रिय गीतों से मंच पर धूम मचा दी। उन्होंने अपनी मधुर आवाज में जो गीत प्रस्तुत किए, उनमें “बड़ा प्यार सी तेनु करदा…”, “नाका सालियां दा…”, “बेपरवाहन नाल प्यार दे सौदे नहीं हुंदे…”, “तेरे तों बिना…”, “तूं इंज्ज मिलेया कर…”, “तेरा जिकर दातेया…” शामिल रहे। उन्होंने सभी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।