Chandigarh News: पंचकूला 15 अप्रैल – डा. भीमराव अम्बेडकर जंयती के पावन अवसर पर शाम ए अम्बेडकर मुशायरा का आयोजन किया गया। यवनिका पार्क सेक्टर 5 में आयोजित मुशायरा में हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग डा. डी सुरेश ने मुशायरा में भाग लेने वाले रचनाकार एवं कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर पंचकूला के एसडीम चन्द्रकांत कटारिया, पूर्व विधायक लहरी सिंह, सेवानिवृत मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग सरदार हरपाल सिंह, सेवानिवृत मुख्य महाप्रबंधक हैफेड आर पी साहनी ने भी बतौर विशिष्ठ अतिथि भाग लिया।
भारत रत्न डॉ बीआर अम्बेडकर सभा द्वारा बाबा साहेब की 134वीं जंयती पर पहली बार राष्ट्रीय स्तर का मुशायरा करवाया गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर के रचनाकार एवं कलाकारों ने भाग लिया। कवि शम्स तबरेज, डा. जिया टाकी राजस्थानी, दिल्ली से अना देहलवी, डा. संगीता शर्मा, राशि श्रीवास्तव, शीनू वालिया, डा. जितेन्द्र प्रवाज, मध्य प्रदेश से नरेश बाबू बोध ने प्रस्तुति देकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
इसके अलावा एनडी हरियाणा हिसार सुखविन्द्र नियाना की म्यूजिकल पार्टी ने ’अपनों से प्यार करें, आपस में प्यार करें और बाबा साहेब को सपनों को साकार करें और तेरी कलम ने साहेब कैसा कमाल कर दिया, शान से जीने का हक देकर निहाल कर दिया भजन गाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करवाया।

मशहूर रचनाकार अना देहलवी ने ’दिल में है जो अरमान मेरे दे सकती हूं, मुल्क से इतनी मोहब्बत है अना तिरंगे के लिए जान भी दे सकती हूं नामक कविता और ’पत्थरों में हर पत्थर देवता नहीं होता, साफ कितना हो पानी आईना नहीं होता और ’प्यार हिस्सों में बंट नहीं सकता, प्यार रास्ते से हट नहीं सकता, कौन समझाए कूलों को प्यार पानी है कट नहीं सकता तथा ’आपस में मिला दूं सगी बहनों को, उर्दू को हिन्दी के हवाले कर दूं नामक गजल और मेरे दिलबर लिखा तुने प्यार, मैं प्यार की किताब हो गई, तुने खुलकर किया इकरार मैं खिलकर गुलाब हो गई नामक गीत की प्रस्तुति दी। डा. जितेन्द्र परवाज ने बाबा साहेब को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए ’इंसानियत को धर्म बनाया, शिक्षा की लौ जगाई नामक कविता और ’चिकनी चुपड़ी सुरत पर इतराता क्या है लड़की वाले पूछेंगे हजूर कमाता क्या है’ गजल की प्रस्तुति दी।
राशि श्रीवास्तव ने ’नहीं हंसते हंसते मंजिल पाते, मिलकर रहें तो रास्ते कट जाते, जलना है तो सूरज के जैसे जलों, लोग नफरत से खुद को क्यों जलाते गजल प्रस्तुत की। डा.जी आर टाकी राजस्थानी ने ’फक्र हिन्दोज थे बाबा साहेब, कल भी आज भी सुलतान हैं बाबा साहेब, वहीं सांसे वहीं दिल की धड़कन बस हमारे तो दिलोजान है बाबा साहेब, कविता पेश कर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने ’खुशबु को कभी टेस्ट करवाया नहीं जाता, फूलों पर इतर लगाया नहीं जाता, अक्सर हमने लोगों से सुना है सच तो कहना भी गुनाह है, गजल की प्रस्तुति भी दी। सीनू वालिया ने बाबा साहेब को समर्पित ’संविधान लिख मेरे भारत के लोगो को आजादी की परिभाषा बतलाई नामक कविता और ’बात अगर चुभ जाए मत रहना मौन, वरना कागज पर उतारेगा कौन गजल की शानदार प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में साहित्यिक संस्था काव्य कदम के कवियों एवं रचनाकारों में सर्वेश ने ’अब खुद की राहे खुद ही बदलने लगे हम, करते नहीं जिद गिर-गिर कर खुद सम्भलने लगे हम, नामक गजल प्रस्तुत कर युवाओं को अपने दायित्व के प्रति जागरूक एवं सचेत किया। विकी पासी ने ’सोई हुई व्यवस्था को जगाएगा कौन, पक्की हैं सडकें विधायक को दिखाएगा कौन, पानी 24 घण्टे आता है पीने के लिए बुलाएगा कौन, जनता का सवाल आप तक पहंुचाएगा कौन, व्यंगात्मक कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लुटी। सुदामा ने सामाजिक चेतना के लिए प्रेरित -रिश्तो का मौल चुकाने लगे लोग, एक दूसरे को नीचा दिखाने लगे लोग, गुरबत का मजाक उड़ाने लगे लोग, नामक रचना प्रस्तुत की। डा. संगीता शर्मा ने अम्बेडकर को मेरा बार बार प्रणाम, जिसने निर्धन जनता को उठाने का किया काम, नामक कविता और गजल पेश की।
प्राध्यापक सोहनलाल रंगा ने ’प्यार के गुलशन को बसाना चाहता हूं, भाई चारे की महक से समाज को जगाना चाहता हूं, नफरतों के बाजार में प्यार की दूकान लगाना चाहता हूं नामक कविता पेश की। रीटा नरवाल, रवनीत आबिद ने भी प्रस्तुति देकर दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। सभा द्वारा लोगों में संविधान के प्रति सजगता और जागरूकता फैलाने के उद्वेश्य से शानदार मुशायरे का आयोजन किया। इसमें हजारों नागरिकों ने भाग लेकर बाबा साहब को श्रृद्धा सुमन अर्पित किए।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डा. डी सुरेश ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान के चलते भारत विश्व में तीसरी आर्थिक तरक्की की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी लेने की बजाय उद्यमी बनने के लिए आगे जाना चाहिए। युवा उद्योगपति बने और रोजगारदाता बनकर देश व समाज का भला करें। सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों का लाभ उठाएं। विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए की सबसिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि संगीत, कला, सिंगर, आर्टिष्ट एवं मुशायरा जैसे चेतना एवं प्रेरणादायी कार्यक्रम भी सामाजिक परिवर्तन के लिए बेहतर है। इसलिए हर क्षेत्र में अग्रणीय बनें, सदैव दूसरों के हितार्थ कार्य करें और जीवन को खुशहाल बनाएं।
इस अवसर पर सभा के प्रधान जयबीर रंगा, महासचिव सलीम अली, गुरू रविदास सभा के प्रधान कृष्ण कुमार, अम्बेडकर महासभा के प्रधान सुरेश मोरकां, पूर्व प्रधान बलबीर सिंह, राजकपूर, महाबीर अलारिया, नरेन्द्र पूनिया, संगीता साहनी, सहित कई पदाधिकारी और भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।