• कालोनी वासियों के पुनर्वास हेतू कम से कम 2-2 मरले के प्लॉट दिए जाए।

(Chandigarh News) पंचकूला। जजपा पंचकूला के वरिष्ठ नेता एवं पीपल्स फ्रंट पंचकूला के अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने नगर निगम पंचकूला के महापौर द्वारा नगर निगम की आगामी बैठक में पंचकूला शहर की स्लम बस्तियों के पुनर्वास हेतू वहां पर रहने वाले परिवारों के लिए एक-एक मरले के प्लॉट आवंटित करने बारे जो एजेंडा रखा गया है उस बारे घोर आश्चर्य प्रकट किया है। सिहाग ने कहा कि बड़े ही अचरज की बात है कि नगर निगम पंचकूला के महापौर द्वारा 2021 में भी राजीव कालोनी, इंदिरा कालोनी तथा खड़क मंगोली में रहने वाले लोगों के लिए एक-एक मरले के प्लॉट देने बारे प्रस्ताव पास करवाया था पर वो प्रस्ताव आज भी नगर निगम की फाइलो में धूल फांक रहा है।

नगर निगम महापौर को ये पता होना चाहिए कि जिस जमीन पर ये बस्तियां बसी हुई है

अब नगर निगम महापौर गरीब लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए एक नया प्रस्ताव फिर से ला रहे हैं कि इन लोगों को उन्हीं बस्तियों में प्लॉट दिए जाएंगे। पीपल्स फ्रंट पंचकूला अध्यक्ष ने कहा कि नगर निगम महापौर को ये पता होना चाहिए कि जिस जमीन पर ये बस्तियां बसी हुई हैं वो भूमि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला की है तथा इस बारे कोई निर्णय लेने का अधिकार केवल उस विभाग को ही है । उन्होंने कहा कि पिछले काफी सालों से जो भी सरकारें रहीं या पंचकूला के विधायक रहे वो इन कालोनियों में रहने वाले पचास हज़ार से ज्यादा लोगों को अच्छी जिंदगी जीने के लिये तरह-तरह के सपने दिखाते आ रहे हैं।

कभी कहा जाता है कि इन लोगों को फ्लैट बनाकर दिए जाएंगे, कभी कहा जाता है कि प्लॉट दिए जाएंगे , कभी कहा जाता है की सेक्टर 20 में नए फ्लैट दिए जाएंगे कभी सेक्टर 28 में या कभी खड़क मंगोली में प्लॉट दिए जाएंगे या फ्लैट दिए जाएंगे।ओ पी सिहाग ने कहा कि पिछले दस सालो में नगर निगम पंचकूला, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण या सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा इन कालोनियों के पुनर्वास हेतू कम से कम 6 बार अलग अलग स्टैंड लिय गए तथा लोगों को आश्वासन दिए गए।

हमारे द्वारा पिछले कई सालों से इस अति आवश्यक एवं गंभीर मुद्दे को उठाया जाता रहा है तथा हमने य़ह मांग की है कि अगर इन कालोनियों का पुनर्वास करना है

पी एफ पी अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने कहा कि इन स्लम बस्तियों के लोगों को झूठा आश्वासन व झूठे सपने न दिखाकर उनके पुनर्वास हेतू एक ठोस कार्यक्रम तैयार करके उस पर समयबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। सिहाग ने कहा कि हमारे द्वारा पिछले कई सालों से इस अति आवश्यक एवं गंभीर मुद्दे को उठाया जाता रहा है तथा हमने य़ह मांग की है कि अगर इन कालोनियों का पुनर्वास करना है तो उनको अच्छी जिंदगी जीने हेतू कम से कम दरों पर दो-दो मरले के प्लॉट आवंटित किए जाए या अगर सरकार फ्लैट बनाकर देना चाहती है तो उसका कवर्ड एरिया आठ सौ वर्गफुट से ज्यादा होना चाहिए।

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