Chandigarh News: चंडीगढ़ आज समाज चंडीगढ़ नगर निगम आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहे ने इस बार नए वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए 21147 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। सोमवार को हुई निगम सदन बैठक में सबसे बड़ा माने जाने वाला ड्राफ्ट बजट पारित तो कर दिया, हालांकि इस पर अंतिम मंजूरी प्रशासन ने ही देनी है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कैपिटल हैड के अंतर्गत 467.75.00 करोड़ रुपये और रेवेन्यूू हेड के अंतर्गत 1197.00 करोड़ रुपये के बजट अनुमान की सिफारिश की है।
मेयर हरप्रीत कौर बबला जल्द ही स•ाी को पार्षदों को साथ लेकर प्रशासन के समक्ष ग्रांट इन एड की गुहार •ाी लगाने जा सकती है।केंद्र सरकार की ओर से नगर निगम की नए वित्तीय सत्र के लिए 625 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड पास हो चुकी है। नगर निगम ने जो बजट पास किया है, उसमें दिल्ली फाइनेंस कमीशन की चौथी सिफारिश के अनुसार 170462 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड प्रशासन से मांगी गई।
नगर निगम ने 9 करोड़ रुपये की राशि बिजली सेस की मांगी है। इसी तरह खुद की रिसीप्ट 41000 करोड़ दशाई है।बैठक में पार्षदों की आपस में नौक-झोक तो हुई, साथ ही हर बार की तरह दिल्ली फाइनेंस कमीशन की चौथी सिफारिश के अनुसार रेवेन्यू शेयर का रोना •ाी रोया गया। निगम आरएलए का रेवेन्यू शेयर •ाी मांगता रहा है। सदन में यह सबस बाते उठी।
इस बीच निगम कमिश्नर अमित कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि अगर 15 मार्च तक पैसा नहीं आया तो उन्हें अपने स्तर पर बड़े फैसले लेने पड़ेंगे,उन्होंने कहा कि हमें खर्च कम करने हैं और आमदनी बढ़ानी है , विकास के लिए फंड कहां से लाया जाएं यह देखना है। इसलिए आप से सहयोग की अपील है , उन्होंने कहा कि मेयर अपने स्तर पर निर्णय ले सकती हैं। निगम कमिश्नर ने कहा कि प्रति महीने हमारी 75 करोड़ की कमिटमेंट लाइबेलटी  है जिन्होंने अंदेशा जताया कि यह 80 करोड़ तक  पहुंच सकती है।
दूसरी तरफ, सदन के दौरान पार्षदों का कहना था कि जब हम केवल अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन पर बात करेंगे तो बजट पर चर्चा करने की क्या जरूरत है। हम शहर के विकास के लिए बजट पर बात करने आए हैं लेकिन यहां केवल वेतन पर जोर दिया जा रहा है।
इस बात को लेकर पार्षद और नगर कमिश्नर के बीच कुछ देर के लिए बहस •ाी हुई। पार्षद तरुणा मेहता ने मेयर हरप्रीत कौर बबला से 93 करोड़ की अतिरिक्त ग्रांट के ऐलान पर सवाल किया ? पार्षद मेहता का कहना था कि इस पर मेयर ने चुप्पी धारण कर ली।एक्ट के अनुसार मिलना चाहिए स्टांप-एंटरटेनमेंट्स ड्यूटी: जोशीभाजपा के पार्षद और वकील सौरव जोशी ने पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन लॉ (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट, 1994 के सेक्शन 90(6) का हवाला देते हुए कहा है कि साल के अंत में वि•िान्न प्रकार के टैक्स का एक अंश या पूरा नगर निगम को मिलना चाहिए।
कहा कि एक्ट में लिखा है कि •ाारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अंतर्गत नगर निगम को उन संपत्तियों पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी का अंश मिलेगा, जिनका हस्तांतरण नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में किया गया है। पंजाब मोटर व्हीकल्स टैक्सेशन एक्ट 1924 के अनुसार वाहनों का टैक्स निगम को मिलेगा। पंजाब बिजली (ड्यूटी) अधिनियम 1958 के तहत बिजली पर टैक्स का हिस्सा मिलेगा।
पंजाब एंटरटेनमेंट्स ड्यूटी एक्ट, 1955 के तहत मनोरंजन पर लगने वाले टैक्स का अंश नगर निगम को उन लोगों से प्राप्त होगा जो नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में मनोरंजन का ला•ा उठाते हैं। पंजाब एंटरटेनमेंट्स टैक्स (सिनेमाटोग्राफ शो) एक्ट 1954 के अंतर्गत नगर निगम को सिनेमाघर मालिकों से टैक्स का हिस्सा मिलेगा। यह प्रावधान सिनेमाघरों में होने वाले सार्वजनिक सिनेमा शो पर लागू होता है।