Chandigarh News: चंडीगढ़ वित्तीय संकट से जूझ रहा चंडीगढ़ नगर निगम अपने खर्चे का बोझ अभी ठीक ढंग से उठा भी नहीं पा रहा कि उस पर, सरप्लस रहने वाला चंडीगढ़ प्रशासन के बिलों के भुगतान का बोझ भी  चंडीगढ़ नगर निगम पर डाल दिया गया ।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जमा किए जाने वाला , कंजौली वाटर वर्क्स पानी के बकाया बिल  का भुगतान करने के लिए करीब  6 करोड़ रूपया चंडीगढ़ नगर निगम ने कर्मचारियों के पेंशन फंड से निकले। विरोध स्वरूप इस बारे जब,  सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने अकाउंटस ब्रांच के सीनियर अधिकारी समर सिंह से बातचीत की,  कि आपने पैसा क्यों निकलवाया,  सीनियर अधिकारी  ने बताया कि यह पैसा कंजौली वाटर वर्क्स के बिजली का बिल भरने के लिए निकला है। अगर यह न निकाला जाता तो कल को 11 लाख रुपए पेनल्टी पड़ जानी थी। प्रशासन को प्लांटी से बचने के लिए यह कदम उठाना पड़ा।
यह पैसा अगले महीने ग्रांट इन ऐड आने पर वापस कर्मचारियों के पेंशन फण्ड में जमा करवा दी जाएगी। सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने इस मामले पर एतराज जताते हुए कहा कि जो हम बिल भर रहे हैं, वह सरासर गलत है। यह बिल चंडीगढ़ प्रशासन को भरना चाहिए।
क्योंकि नगर निगम का काम तो मेंटेनेंस और सर्विसेज का है ।  यह बिल नगर निगम के दायरे में नहीं बनता। जोकि पंजाब की एरिया में पानी कजौली वाटर वर्क्स से आता है। बंटी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन हमें दबाना चाहता है। नगर निगम को बंद करना चाहता है।
इसके अलावा सड़कों के स्ट्रीट लाइट्स के बिलों का भुगतान  पहले,  प्रशासन करता था, अब वह बिल भी चंडीगढ़ नगर निगम भर रहा है। प्रशासन ने सारे खर्चे, सारा बोझ नगर निगम पर डालकर नगर निगम को कंगाल कर , निगम की मुश्किलों को ओर बढ़ा दिया है।