चंडीगढ़ (मंजीत सहदेव): चंडीगढ़ के बड़े मुद्दों को हल करवाने के लिए चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर उन्हें हल करने की माँग की है ।वहीं तिवारी ने इस बात का भी ज़िक्र किया है कि इन मुद्दों के कारण स्थानीय निवासियों को काफ़ी परेशानी हो रही है, और लंबे समय से यह मामले विचाराधीन है । इसी को लेकर तिवारी ने पत्र लिखकर इन सभी मुद्दों को हल करवाने का आग्रह किया है।
सांसद मनीष तिवारी ने पांच प्रमुख मुद्दों पर जताई चिंता जताते हुए लिखा है कि पिछले कई वर्षों में शहर के निवासियों के जीवन पर उनका क्या प्रभाव पड़ा है। तिवारी ने पुरोहित को पत्र लिखकर उनसे ऐसे मुद्दों के बारे में गहरी समझ रखनेवाले अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों का एक अलग “एम-पावर्ड समूह” बनानेका अनुरोध किया है ताकि वे उनके समाधान के लिए एक रणनीति बना सकें।
राज्यपाल ने प्रशासन को भेजा पत्र
राज्यपाल ने पत्र को प्रशासक के सलाहकार को भेज दिया, जिसने इसेसचिव-स्तर के अधिकारियों या विभाग प्रमुखों को भेज दिया। सांसद ने जिन पांच मुद्दों को विरासत के मुद्दों के रूप में वर्णित किया है उनमेंसंपत्ति की शेयर-वार बिक्री, चंडीगढ़ भर में विभिन्न पुनर्वास कॉलोनियों में रहनेवाले लोगों के स्वामित्व अधिकार, लाल डोरा (रेड लाइन) का विस्तार, सीएचबीघरों में आवश्यकता-आधारित परिवर्तन और संबंधित कई मुद्दे शामिल हैं। ग्रुपहाउसिंग सोसाइटीज। को अपने पहले पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अर्थ औरचंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इसकी व्याख्या। 22 गांवों में लाल डोरा के विस्तार केसंबंध में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अर्थ और चंडीगढ़ प्रशासनद्वारा इसकी व्याख्या। 22 गांवों में लाल डोरा के विस्तार के संबंध में उन्होंने कहाकि मामला चंडीगढ़ एमसी के दायरे में लाया गया था। “चंडीगढ़ के पांच विरासतीमुद्दे हैं, जो बहुत लंबे समय से लंबित हैं और चंडीगढ़ के लोगों को दर्द और पीड़ा केऊंचे स्तर पर हर संभव तरीके से परेशान कर रहे हैं। तिवारी ने लिखा है कि “मैंआपका ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाना चाहता हूं कि इनमें से प्रत्येक मुद्दे के लिएअधिकारियों का एक अलग सशक्त समूह बनाने की आवश्यकता है, चाहे वे इनमुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले संगठन हों या इन समस्याओं कीबारीकियों से अच्छी तरह वाकिफ हों। इन मुद्दों को गहराई से समझने के लिए, अधिकारियों के इन संबंधित अधिकार प्राप्त समूह के सदस्यों के रूप मेंसहयोजित होने की आवश्यकता है, ताकि इन लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान कीदिशा में एक मार्ग प्रशस्त हो ।
राज्यपाल को उनके पुराने दिनों की दिलायी याद
सांसद ने अपने पत्र के ज़रिए राज्यपाल को उनके पुराने दिन याद करवाते हुए कहाकि ”सार्वजनिक जीवन में आपके लंबे अनुभव को देखते हुए, विधायक और संसदसदस्य के रूप में और उसके बाद कई राज्यों के राज्यपाल के रूप में, मुझे विश्वासहै कि आप न केवल इस बात से अवगत हैं कि इन समस्याओं के शीघ्र समाधानकी आवश्यकता है, बल्कि इससे भी अधिक चंडीगढ़ के लोगों को राहत देने केलिए उत्सुक हूं।”