Chandigarh News: मनीमाजरा के सरकारी अस्पताल को बीमार लोगों को ठीक करने के लिए बनाया गया था ,लेकिन आज यह हैं हालात है कि अस्पताल ख़ुद ही बीमार हो गया है ।यहाँ पर इलाज करने के लिए अधिकतर विभाग के डॉक्टर ही नहीं है और इसके अलावा अस्पताल के पास पर्याप्त मात्रा में दवाइयां नहीं है ।न ही इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन चलती है ।इसके अलावा अस्पताल में न कैंटीन ,न ही मेडिकल स्टोर है ।

हाल ही में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद  कटारिया ने अस्पताल का दौरा किया था । लोगों को लगता था कि अब अस्पताल के हालात सुधरेंगे परंतु ऐसा लगता है की प्रशासन को भी अंधेरे में रखा गया है या उन्हें यह कमियां दिखाई नहीं दी है ।लोग इस बात से हैरान है कि उनके दौरे के बाद भी इसके हालात नहीं सुधरे हैं ।ऐसे में लोगों को लगता है कि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग को अपने उच्च अधिकारियों का भी डर नहीं है ।

यहाँ यह भी बताना ज़रूरी है कि अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए न केवल पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ही यहाँ पर आए हैं,बल्कि चंदीगढ़  के चीफ़ सेक्रटरी के अलावा स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारी भी इस अस्पताल में निरीक्षण करके चले गए ।लेकिन अस्पताल की तबियत ठीक नहीं हुई है ।

क्या कहते हैं लोग

मनीमाजरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष मलकीत सिंह का कहना है कि चंडीगढ़ के प्रशासक के दौरे के बाद भी अस्पताल के हालात नहीं सुधरे हैं ।हालात यह है कि मनीमाजरा अस्पताल में पिछले तीन साल से अल्ट्रासाउंड करने वालेरेडियोलॉजिस्ट का पद खाली पड़ा है। अस्पताल में त्वचा रोग, आंखों, नाक-कान-गला और बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। इससे दूरदराज से आने वालेमरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

वहीं, समाजसेवी रामेश्वर गिरी ने कहा कि लोग हैरान है कि इतने बड़ा अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण करें और तब भी हालात नहीं सुधरे। वहीं यहाँ रात कोइमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर न होने से लोगों को कोई इलाज नहीं मिल पाता है।

कांग्रेस की जिला अध्यक्ष सुरजीत  ढिल्लो ब्लॉक अध्यक्ष संजीव गाबा के अलावा कि के आर महाजन ,फतेह सिंह व अन्य लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों को अपने उच्च अधिकारी का भी डर नहीं है ।पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के दौरे के बाद भी हालात नहीं सुधरे अस्पताल आज भी बीमार है ।इसकी कोई सुध नहीं लेता है ।यहाँ

रात को आने वाले मरीजों को जीएमएसएच-16 और जीएमसीएच 32 रेफर करदिया जाता है। मनीमाजरा अस्पताल में रात के समय आसपास के इलाके सेकाफी लोग इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचते हैं।

मनीमाजरा सरकारी अस्पताल का लाटसाहब से लेकर कई अधिकारी कर चुके दौरा  ,पर हालात नहीं सुधरे