Chandigarh News: आज हर व्यक्ति शांति और खुशी को तलाश रहा है। कुछ लोग भौतिक चीजों में शांति और खुशी ढूंढ़ते हैं तो कुछ नाम एवं प्रसिद्धि में । कई लोग मनोरंजन को इसका माध्यम मानते हैं तो कुछ खेलकूद, सिनेमा एवं पर्यटन में इसका अनुभव करतेे हैं। अधिकांश लोग अपनी इच्छा एवं मनोकामनाओं की पूर्ति को ही शांति मानते हैं।
जिन्दगी भर एक के बाद एक इच्छाओं की पूर्ति में लगे रहते हैं और सोचते हैं कि इनकी पूर्ति ही वास्तविक शांति और खुशी हैं। क्या वास्तविक शांति इसे ही कहते हैं? वास्तविक शांति क्या हैं, इसके लिये मुडक़र एक बार अतीत को देखना जरूरी है। क्या खोया, क्या पाया, इस गणित के सवाल में वास्तविक शांति का स्वरूप् निहित है।
आने वाले कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का प्रेरक क्षण है शांति। क्या बनना, क्या मिटाना, इस अन्वेषणा में संकल्पों की सुरक्षा पंक्तियों का निर्माण है शांति। ‘आज’, ‘अभी’, ‘इसी क्षण’ को पूर्णता के साथ जी लेने का जागृत अभ्यास है शांति।
हमारा भी कोई-न-कोई संकल्प हो और यह संकल्प हो सकता है कि हम स्वयं शांतिपूर्ण जीवन जीये और सभी के लिये शांतिपूर्ण जीवन की कामना करें। ये शब्द मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमार जी आलोक ने अणुव्रत भवन सैक्टर-24 तुलसी सभागार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहे।
मनीषीसंत ने कहा आज हर व्यक्ति चाहता है – हर दिन मेरे लिये शुभ, शांतिपूर्ण एवं मंगलकारी हो। संसार में छ:-सात अरब मनुष्यों में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं होगा जो शांति न चाहता हो। मनुष्य ही क्यों पशु-पक्षी, कीट-पंतगें आदि छोटे-से-छोटा प्राणी भी शांति की चाह में बेचैन रहते हैं।
यह ढ़ाई अक्षर का ऐसा शब्द है जिसे संसार की सभी आत्माएं चाहती हैं। यजुर्वेद में प्रार्थना के स्वर है कि स्वर्ग, अंतरिक्ष और पृथ्वी शांति रूप हो। जल, औषधि वनस्पति, विश्व-देव, परब्रह्म और सब संसार शांति का रूप हो। जो स्वयं साक्षात् स्वरूपत: शांति है वह भी मेरे लिए शांति करने वाली हो।
यह प्रार्थना तभी सार्थक होगी जब हम संयम, संतोष व्रत को अंगीकार करेंगे, क्योंकि सच्ची शांति भोग में नहीं त्याग में है। मनुष्य सच्चे हृदय से जैसे-जैसे त्याग की ओर अग्रसर होता जाता है वैसे-वैसे शांति उसके निकट आती जाती है। अल्बर्ट गिल्बर्ट ने कहा कि “जब हम कठिन कार्यों को चुनौती के रुप में स्वीकार करते हैं और उन्हें खुशी और उत्साह से निष्पादित करते हैं, तो चमत्कार हो सकते हैं।
एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए आपको खुद को सक्रिय रखना चाहिए। दूसरों पर निर्भर रहकर आप टेंशन में रहेंगे, क्योंकि वह आपके काम को आपकी ही तरह कर दे, यह जरूरी नहीं। तो क्यों न खुद को सक्रिय रखा जाए और अपने अधिक से अधिक काम खुद ही करने की कोशिश की जाए।
मनीषीसंत ने अंत मे फरमाया स्वस्थ रहने के लिए सुबह के समय सूरज की किरणें और स्वच्छ हवा बहुत लाभदायक होती है। सुबह के समय सूरज की किरणों से निकलने वाला विटामिन डी हमारे शरीर और सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। कोशिश करें कि अपने टाइम-टेबल में मॉर्निग वॉक के लिए अलग से समय रखें।
अक्सर जब भी हम किसी नकारात्मक चीज या व्यक्ति से मिलते हैं तो हमारा ब्लड-प्रेशर हाई हो जाता है और हम डिप्रेस्ड फील करते हैं। यह स्थिति हमारी सेहत पर सीधा असर डालती है। ऐसे में अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपने आसपास से निगेटिव चीजों और व्यक्तियों को दूर रखें। ऐसा करने से आप खुश रहेंगे और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।