Chandigarh News : राजस्व विभाग  की  370 के भ्रष्ट पटवारियों की अंदरूनी रिपोर्ट सामने आई,  सख्त कार्रवाई के आदेश 

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Internal report of 370 corrupt patwaris of revenue department revealed
Internal report of 370 corrupt patwaris of revenue department revealed
  • भ्रष्ट पटवारियों में से 170 ने दलाल भी रखे हुए, भ्रष्ट पटवारियों की जाति भी बताई गई
  • इन पटवारियों द्वारा जमीन के खाते तकसीम करवाने, पैमाईश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने व नक्शा आदि बनवाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया
डॉ रविंद्र मलिक
(Chandigarh News) चंडीगढ़। हरियाणा की तहसीलों में व्यापक पैमाने पर फैला भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। औसतन हर सप्ताह प्रदेश की किसी तहसील में कर्मचारी या अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने का मामला रिपोर्ट हो ही जाता है। हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़ों से भी स्पष्ट पता चलता है कि भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामलों के मामलों  में प्रदेश की तहसीलों में कार्यरत अधिकारी और स्टाफ  के काफी मामले हैं। इसी कड़ी में प्रदेश राजस्व विभाग की  प्रदेश भर के सभी जिलों के भ्रष्ट पटवारियों विभाग को लेकर एक अंदरूनी रिपोर्ट सामने आई है जिसके चलते हड़कंप मच गया है। संबंधित विभाग की रिपोर्ट की जानकारी अनुसार प्रदेश भर में अलग-अलग जिलों में करीब 400 भ्रष्ट पटवारी हैं जिन्होंने जमकर विभाग में भ्रष्टाचार फैलाया है। चूंकि अब विभाग ने भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट सामने आ चुकी है और इसमें सभी जिलों के डीसी को कारवाई के आदेश दिए हैं तो  है तो ये यह देखना अहम होगा कि सरकार द्वारा भ्रष्ट पटवारियों पर की जाने वाली कार्रवाई का नेचर क्या होगा या फिर किस तरह से कार्रवाई की जाएगी।

राजस्व विभाग की 370 भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट, 15 दिन में कार्रवाई के आदेश

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यहां तैनात 370 पटवारी भ्रष्ट पाए पाए गए हैं। इनमें से 170 पटवारियों ने तो प्राइवेट व्यक्ति को सहायक भी रखा हुआ है। रेवेन्यू विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन पटवारियों द्वारा जमीन के खाते तकसीम करवाने, पैमाईश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने व नक्शा आदि बनवाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। सहायक के तौर पर रखे गये प्राईवेट व्यक्ति इनके दलालों के तौर पर भी कार्य करते हैं। सैंकडों लोग अपने जमीन संबंधी कार्य करवाने के लिए पटवारियों के पास जाते हैं। इन पटवारियों द्वारा बार-बार आपत्ति लगाकर आमजन को परेशान किया जाता है। इससे लोगों को मजबूरन इन्हें शुल्क देना पड़ता है।
आगे आदेश में इंगित किया गया है कि चूंकि आमजन को पटवारियों के पास अपने कार्यों हेतु जाना होता है। इसलिए पटवारियों द्वारा इस प्रकार से किये जा रहे भ्रष्टाचार से सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भ्रष्ट आचरण वाले इन पटवारियों व इन द्वारा रखे गए प्राईवेट व्यक्तियों का विवरण सरकार को सूचनार्थ एवं आगामी कार्यवाही हेतु भेजा है। अतः निर्देशित किया जाता है कि मामले का संज्ञान लेकर ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त से सख्त नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 15 दिन के अन्दर-अन्दर कियान्वयन रिपोर्ट सरकार को भिजवाना सुनिश्चित करें।

कैथल सोनीपत महेंद्रगढ़ में सबसे ज्यादा भ्रष्ट पटवारी,  अन्य कई जिले भी पीछे नहीं

राजस्व विभाग की रिपोर्ट अनुसार प्रदेश के कैथल और सोनीपत में सबसे ज्यादा भ्रष्ट पटवारी हैं और इसके बाद महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और फतेहाबाद हैं। कैथल जिले में सबसे ज्यादा 46, सोनीपत में 41, महेंद्रगढ़ में 36, गुरुग्राम में 27 और फतेहाबाद में 25  भ्रष्ट पटवारी के नाम सामने आए हैं । इसी तरह से कुरुक्षेत्र में 23 झज्जर में 20 , फरीदाबाद में 19, पलवल में 17,रेवाड़ी में 16, यमुनानगर में 14, हिसार व सिरसा में 26, प्रत्येक 13,  जींद में 12, भिवानी में 10 और पानीपत में 9  भ्रष्ट पटवारी मिले हैं। इनके अलावा अंबाला में 5, चरखी दादरी व नूह में 12, प्रत्येक 6, करनाल में 7 और रोहतक के 5 भ्रष्ट पटवारी के नाम लिस्ट में है। इसी कड़ी में यह बता दें कि हरियाणा का पंचकूला एकमात्र जिला रहा जहां से किसी भी पटवारी का नाम भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट में नहीं है।

170 पटवारियों ने तो सहायक भी रखे हुए हैं, जमकर चल रही दलाली और भ्रष्टाचार

रेवेन्यू विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कुल भ्रष्ट पटवारियों में से 170 ने तो प्राइवेट व्यक्तियों बतौर सहायक या कहें कि बिचौलिए भी रखे हुए हैं जो अपने आप में बड़े सवाल खड़ा करता है। पटवारी द्वारा जो व्यक्तिगत सहायक रखे गए हैं वो दलालों का काम करते हैं और जनता से जमकर काम की एवज में पैसे ऐंठते हैं। गुड़गांव में सबसे ज्यादा 26 पटवारी द्वारा व्यक्तिगत सहायक रखे गई है तो इसके बाद महेंद्रगढ़ में 20 और सोनीपत व रेवाड़ी में 30 पटवारियों द्वारा, प्रत्येक द्वारा 15  असिस्टेंट रखे गए हैं जो बिचौलियों का काम करते हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। इनके अलावा रेवाड़ी में 3, भिवानी में 4,  चरखी दादरी में 1, फरीदाबाद में 3,  फतेहाबाद में 4, हिसार में 6, झज्जर में 7, जींद में 6, कैथल में 7, करनाल में 6, कुरुक्षेत्र में 4, नूह में 3, पानीपत में 3, रोहतक में 1, सिरसा में 7 और यमुनानगर में 14 पटवारियों ने सहायक रखे हैं।

अब नायब तहसीलदार और तहसीलदार भी रडार पर

जिस तरह से सरकार ने भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट सामने आई है उससे संकेत मिल रहा है कि बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। पिछले कुछ समय में हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रेवेन्यू और अन्य विभागों में तैनात  नायब तहसीलदार और तहसीलदारों पर भी कई दफा अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। रेवेन्यू विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि बिचौलिए,  पटवारी और नायब तहसीलदार  और तहसीलदारों की मिली भगत के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है जो एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़ों से भी साफ पता चलता है।
ऐसे में अब पटवारी के बाद  सरकार जिन नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत हैं,  की लिस्ट भी जारी कर सकती है। हालांकि पटवार संगठन द्वारा यह कहते हुए आपत्ति जताई जा रही है कि कुछेक ही भ्रष्ट पटवारियों के नाम पर सभी के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है। साथी यह भी कहा गया कि फिलहाल तक यह जानकारी सामने नहीं आई कि किस आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।