Chandigarh News: चंडीगढ| इंसान शायद ही कोई ऐसा हो जिसने बचपन में गलतियां न की हों. उनमें से कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जो हमें ताउम्र याद रहती है। अक्सर हमें कम उम्र में ही बच्चों द्वारा किये गए अपराधों और समाज और पुलिस द्वारा उन्हें प्रताडि़त किये जाने की खबरें सुनने को मिलती रहती है. यदि किशोर न्याय अधिनियम की बात करें तो यह कानून भारतीय दण्ड संहिता यानी आईपीसी के उलट बच्चों को अपराधी मानने के बजाय उन्हें ऐसी गलतियां दोबारा न करने और सुधार का मौका दिए जाने की भावना पर आधारित है. जब हम अपने बच्चों को उनकी गलतियों पर समझा बुझा कर और छोटा मोटा दण्ड देकर छोड़ देते हैं तो उसी उम्र के इन बच्चों को सुधार गृह या जेल के हवाले क्यों कर देते हैं। ये शब्द मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजीआलो
मनीषीसंत ने अंत मे फरमाया बाल सुधार गृहों में रखे गए बच्चों को देश के अच्छे नागरिक बनने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हमने देखा है कि बहुत से मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाल सुधार गृहों में इस विषय पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। यह बच्चे हमारी देखरेख में हैं इसलिए हमें उन्हें हर वह अवसर देना चाहिए जिससे कि वे देश के अच्छे नागरिक बन सकें।बच्चों की सही परवरिश के लिए बहुत ज़रूरी है कि उनके आस-पास का माहौल ख़ुशनुमा और लोग साकारात्मक हों। लेकिन इन बाल गृहों की एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि यहां बच्चों के लगातार ठिकानों को बदला जाता है। हम सभी को इस मानसिकता को समझना होगा. न्यायिक प्रक्रिया के पहले पायदान पर पुलिस होने के चलते बच्चों द्वारा किये गए अपराध के मामलों में पुलिस अधिकारी की संवेदनशीलता बहुत अहम हो जाती है।
इस दौरान सैक्टर-25 बाल सुधार गृह के जेल अधीक्षक शामलाल आदि सम्मलित हुए और उन्होने मनीषीसंत को वंदन करते हुए कहा देश की धरती आप संतो मुनियो के कारण पावन है। संत किसी परिचय के मोहताज नही होते, मुनिजन जहां चले जाते है वही स्थान पवित्र हो जाता है। मैं आपश्री के तप और त्याग को नमन करता हूं।
श्री शामलात ने कहा मनीषीसंत के विचारो मे ऐसा प्रवाह है कि चलते हुए इंसान को रूकने पर मजबूर कर देता है और अपने भीतर झांकने के लिए प्रेरित करता है। चंडीगढ़ बाल एवं महिला विकास निगम मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के दिशा-निर्देशों के अनुसार महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए गृह/संस्थाएँ चला रहा है। वर्तमान में, उक्त गृह/संस्थाओं में 400 गैर-कर्मचारी कार्यरत हैं।कार्यालय का उद्देश्य सुधार गृह में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करना, उन्हें आध्यात्मिकता पर केंद्रित करना और उन्हें समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रेरित करना है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप अपना बहुमूल्य समय दें और उपरोक्त गृहों का दौरा करें ताकि गृह/संस्थाओं में काम करने वाले को जागरूक और उन्मुख किया जा सके।
इसलिए मै मनीषीसंत को निवेदन करता हूं आप श्री अगले 5 कार्यक्रम हमे देने की प्रार्थना करे जिसे मनीषीसंत ने सहज ही स्वीकार कर लिया।
मुनिश्री के 5 संस्थाओं मे हर रविवार को कार्यक्रम होगें, पहला कार्यक्रम आज हुआ है।
जो इस प्रकार है-15 दिसंबर दिन रविवार को मनीषीसंत का प्रवचन
8 दिसंबर दिन रविवार, प्रात: 09.30 से 10.30 तक
स्नेहालय (बाल गृह) लडक़ों (मलोया) और
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15 दिसंबर दिन रविवार, प्रात: 09.30 से 10.30 तक
चिल्ड्रेन होम, स्नेहालय, मलोया लड़कियों के लिए
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18 दिसंबर दिन रविवार, प्रात: 09.30 से 10.30 तक
आशा किरण, सेक्टर-46, चंडीगढ़ में लडक़ों के लिए आफ्टर केयर होम।
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20 दिसंबर दिन रविवार, प्रात: 09.30 से 10.30 तक
वन स्टॉप सेंटर। शक्ति सदन, आफ्टर केयर होम फॉर गल्र्स एंड नारी निकेतन, सेक्टर- 26, चंडीगढ़