Chandigarh News: पिंजौर मड़ावला के गांव शाहपुर  में अवैध खनन अपने चरम पर है। प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी करते हुए खनन माफिया यहां से दिन-रात अवैध रूप से रेत और पत्थर निकाल रहे हैं। कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा और पंचकूला के उपायुक्त के सख्त निर्देशों के बावजूद खनन माफिया बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
स्थानीय प्रशासनइस अवैध खनन पर कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बने हुए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस खानापूर्ति के लिए सिर्फ एक-दो ट्रैक्टर पकड़कर दिखावा कर रही है, लेकिन असल में खनन माफिया को पूरी छूट दी गई है। उधर, माइनिंग विभाग के अधिकारी भी अवैध खनन को रोकने में पूरी तरह विफल नजर आ रहे हैं।

प्रशासन की नाकामी, पर्यावरण को खतरा

इस अवैध खनन से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है। लगातार पत्थर और रेत निकाले जाने से भूमि कटाव और जल स्तर में गिरावट जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह क्षेत्र भू-स्खलन और बंजर भूमि की चपेट में आ सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह क्षेत्र भू-स्खलन और बंजर भूमि की चपेट में आ सकता है।

ग्रामीणों की मांग— सख्त कार्रवाई हो

शाहपुर और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने प्रशासन से इस अवैध खनन को तुरंत बंद कराने की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और प्रशासन इस पर कब तक कड़ा कदम उठाते हैं।
जब इस बारे में चौकी इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब मुझे पता लगा कि यहां पर अवैध खनन हो रहा है तो तुरंत ही जाकर ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ लिया। उनसे पूछा गया की 25 दिन में क्या एक ही ट्राली पकड़ी है तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में एक ही आई थी।