Chandigarh News: पंचकूला में अवैध खनन के मामलों में जहां पुलिस प्रशासन ने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, वहीं सेक्टर 24 के प्लॉट नंबर 23 में बेसमेंट खुदाई के दौरान सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर सामने आई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस साइट पर खुदाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा 11,000 मीट्रिक टन का परमिट जारी किया गया था। लेकिन वास्तविकता में 13,000 मीट्रिक टन से भी अधिक माल निकाला जा रहा है। यह सीधे तौर पर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला बनता है।
धर्म कांटा और टिप्पर का अभाव
खनन और परिवहन के दौरान टिप्पर वाहनों का वजन धर्म कांटा पर तौलकर निकल जाना है जिससे निकाले गए माल की मात्रा का सही-सही हिसाब रखा जा सके। लेकिन यहां किसी भी टिप्पर का वजन नहीं किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि बिना तौल के टिप्परों को साइट से बाहर जाने दिया जा रहा है। इससे प्रशासन की ढील और खनन माफिया के साथ सांठगांठ नजर आ रही है।
साइट पर हो रही गड़बड़ी
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि खुदाई के दौरान साइट पर किसी प्रकार की निगरानी नहीं की जा रही है। खुदाई का काम बिना मानकों के जारी है, और निर्धारित सीमा से अधिक ग्रेवल और सामग्री निकाली जा रही है। यह न केवल सरकारी राजस्व का बड़ा नुकसान है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
इस मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह साफ है कि अगर खुदाई के दौरान अतिरिक्त सामग्री निकाली जा रही है, तो संबंधित अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी में कोताही बरती है। स्थानीय निवासियों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए प्रशासन से विजिलेंस जांच की मांग की है।
विजिलेंस जांच की मांग
निवासियों का कहना है कि यह मामला केवल सरकारी राजस्व की हानि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं की अवहेलना का भी गंभीर मामला है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच विजिलेंस विभाग द्वारा की जाए और दोषी अधिकारियों और खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार को नुकसान
प्रशासनिक लापरवाही और खनन माफिया की मिलीभगत के कारण सरकार को इस एक साइट पर करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। यह घटना पंचकूला में खनन संबंधी कानूनों और उनके पालन की कमजोर स्थिति को उजागर करती है। इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह अन्य स्थानों पर भी अवैध खनन और सरकारी राजस्व की हानि को बढ़ावा देगा। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले को उजागर कर अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की जाये। जब इस बारे में माइनिंग अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है मैं खुद मौके पर जाकर इसको चेक करूंगा