- कहा यदि सात दिनों में पीसीएस ऑफिसर को अरेस्ट नहीं किया जाता तो सी एम की अंतरात्मा को जाग्रत करने के लिए उनके घर के बाहर कैंडल मार्च करेंगे
- भारत न्याय संहिता 281,125A,B,324(4),106(1) के तहत एफआईआर दर्ज होने के बावजूद ज्यूडिशियल अफसर होने के चलते कार्यवाही नहीं हो रही hain
(Chandigarh News) चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों के समक्ष गुहार लगाते हुए एक्सीडेंट में जान गवां चुके सनम के लिये इंसाफ की पुकार की।सनम की बहन व मां का कहना है कि पंजाब पुलिस ने पंजाब के एक पीसीएस अधिकारी को बचाने के चक्कर में एक्सीडेंट का शिकार हुए एक 32 वर्षीय युवक को लहू लुहान हालत में सड़क पर छोड़ा, अस्पताल में इस घायल युवक की दर्दनाक मौत को लेकर बेबस बहन व मां द्वारा उच्च अधिकारियों को मिलना भी रहा बेमानी । उनका कहना है कि पर्चा भी सही ढंग से दर्ज नहीं गया , मौके पर मौजूद सबूतों को दरकिनार कर जुडिशियल अफसर का नाम भी पर्चे में नहीं लिखा गया ! दरअसल जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तभी ऐसी भयावह स्थिति होती है।
क्या है मामला
32 वर्षीय सनम नखवाल मोटरसाइकिल द्वारा होशियारपुर से फगवाड़ा जा रहा था जब वह जगजीतपुर होशियारपुर रोड पहुंचा तो क्रेटा कार HR 94 A 5408 के ड्राइवर ने लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए गलत दिशा से मोटरसाइकिल सवार को सामने से टक्कर मार दी, कुछ दूर कार बंद हो जाने की वजह से कार चालक ट्रेनी जुडिशल ऑफिसर कार से बाहर निकल गया।
और लोगों ने उसे घेर लिया लगभग नजदीकी थाना होने के बावजूद आधे घंटे बाद जब एस एच ओ मौके पर आए तो उन्होंने जुडिशल अफसर को बचाते हुए मोटरसाइकिल सवार को जख्मी हालत में कटी हुई दाईं टांग की हालत में सड़क पर ही छोड़ दिया और जब मोटरसाइकिल सवार को लोगों व पुलिस ने फगवाड़ा के सिविल अस्पताल में पहुंचाया तो वहां भी इलाज समय पर न होने और काफी खून बह जाने की वजह से 7.20 pm पर उसने तड़पते हुए दम तोड़ दिया।
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