Chandigarh News: चंडीगढ़ विश्व महामंत्र नवकार दिवस के पावन अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने पीर मुछल्ला, जीरकपुर में आयोजित भव्य धार्मिक समारोह में भाग लेकर साध्वी सुनिधि जी म., म. श्री सजग जी एवं म समाही जी के चरणों में श्रद्धा अर्पित की और नवकार महामंत्र के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
राज्यपाल पंजाब एवं प्रशासक चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों—अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य—को आधुनिक समय में भी अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का मूल दर्शन न केवल अध्यात्म का मार्ग दिखाता है, बल्कि व्यक्ति के आचरण को भी दिशा देता है।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज जब संपूर्ण विश्व शाकाहार की ओर अग्रसर हो रहा है, तो यह भगवान महावीर के विचारों की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है। राज्यपाल ने रात्रिभोज त्याग के स्वास्थ्यवर्धक और आध्यात्मिक लाभों को रेखांकित करते हुए समाज के सभी वर्गों से महावीर जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने का आह्वान किया।
कटारिया ने विशेष रूप से युवाओं को अपने बचपन से ही धर्म, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यही मार्ग उन्हें एक संतुलित, मूल्यनिष्ठ और जागरूक नागरिक बनाएगा। साथ ही उन्होंने जैन समाज के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जनसंख्या के अनुपात में जैन समाज ने देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में जो भूमिका निभाई है, वह अत्यंत सराहनीय और अनुकरणीय है।
साध्वी सुनिधि जी म. ने अपने प्रवचन में नवकार महामंत्र की दिव्यता और प्रभाव को विस्तार से समझाते हुए भगवान महावीर स्वामी के जीवन को मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने राज्यपाल श्री कटारिया द्वारा नशामुक्ति और नारी सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर श्रीमती अनीता कटारिया एवं सुश्री अवनि भी राज्यपाल के साथ मौजूद रहीं।
समारोह में नरेश जैन, सतीश जैन, के.वी. जैन, अशोक जैन, पवन जैन, जयपाल जैन, सतीश जैन (मानसा) जतिन जैन जैसे प्रमुख नागरिकों ने आयोजन की भव्यता और व्यवस्था को सुनिश्चित किया। कार्यक्रम का संचालन श्री अरविंद जैन (दिल्ली) द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का समापन साध्वी को नवकार मंत्र साहित्य भेंट कर किया गया। राज्यपाल की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमामयी बना दिया तथा उपस्थित श्रद्धालुओं को सेवा, संयम और आत्मिक शुद्धता के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा दी।