Chandigarh News: ग्लेनईगल्स बीजीएस हॉस्पिटल में कॉम्प्लेक्स बाईलेटरल लंग ट्रांसप्लांटेशन के साथ थोरासिक केयर में नया मानक स्थापित हुआ

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Chandigarh News: चंडीगढ़ : ग्लेनईगल्स बीजीएस हॉस्पिटल, बैंगलुरू में 44 वर्ष की श्रीमती विनोदा एम का सफल कॉम्प्लेक्स बाईलेटरल लंग ट्रांसप्लांट किया गया। इस जटिल प्रक्रिया की सफलता से एडवांस्ड थोरासिक केयर और इनोवेटिव सर्जिकल एक्सीलेंस के लिए इस हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।

श्रीमती विनोदा को एंड-स्टेज की इंटरस्टिशियल लंग डिज़ीज़ थी। उन्हें आठ महीनों से साँस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी, और गंभीर खाँसी हो रही थी। उन्हें घर पर हाई-फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी देनी पड़ रही थी। उनकी लगातार बिगड़ती हालत के कारण कर्नाटक एसओटीटीओ (जेएसके) में बाईलेटरल लंग ट्रांसप्लांट के लिए उनका पंजीकरण कराया गया। 13 नवंबर, 2024 को मैंचिंग साईज़ और कंपैटिबल ब्लड ग्रुप का मृत डोनर मिलने के बाद उनका बाईलेटरल सीक्वेंशल लंग ट्रांसप्लांट किया गया।

 यह प्रक्रिया वेनो-आर्टेरियल ईसीएमओ सपोर्ट की मदद से की गई। सर्जरी का नेतृत्व डॉ. बालासुब्रमणी गोविनी, डायरेक्टर एवं एचओडी, कार्डियोथोरासिक और वैस्कुलर सर्जरी, एवं हार्ट लंग ट्रांसप्लांट ने किया। इस प्रक्रिया के बारे में डॉ. गोविनी ने कहा, इतने हाई-रिस्क ट्रांसप्लांट के लिए बहुत जटिल प्लानिंग और प्रेसिज़न की जरूरत होती है। इस सर्जरी के सफल परिणामों से हमारी टीम की विशेषज्ञता और विश्वस्तरीय केयर के लिए हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।

 ऑपरेशन के बाद, श्रीमती विनोदा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें रेस्पिरेटरी मशल वीकनेस और संक्रमण शामिल थे। लेकिन डॉ. अपार जिंदल, एचओडी पल्मोनोलॉजी एंड लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के मार्गदर्शन में एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ने उन्हें विस्तृत केयर प्रदान की। उन्हें ट्रेकियोस्टोमी मैनेजमेंट, टारगेटेड एंटीबायोटिक और एंटीफंगल थेरेपी दी गई, ताकि उनकी गहन देखभाल करते हुए उन्हें पुनः स्वस्थ किया जा सके। इस मामले में डॉ. जिंदल ने कहा, इस ट्रांसप्लांट की सफलता से एक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण का महत्व प्रदर्शित होता है। हमारी टीम के बेजोड़ समर्पण ने मरीज को स्वस्थ बनाने में अहम योगदान दिया।