धर्मबीर राणा ने बताया कि पिछले दो वर्षों से नगर निगम गारबेज चार्ज वसूल रहा है, जबकि गारबेज कलेक्टर लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा सहमति के बिना प्रॉपर्टी टैक्स में गारबेज चार्ज जोड़े जाने से गारबेज कलेक्टर्स में असंतोष बढ़ा है। राणा ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ की रैंकिंग सुधारने में गारबेज कलेक्टर्स का अहम योगदान है, और यदि उनके खिलाफ ऐसे कदम उठाए जाते रहे तो शहर की रैंकिंग और स्थिति में गिरावट आ सकती है।
सोसाइटी ने मांग की रिहायशी इलाकों में अस्थायी रूप से लागू किए गए उपायों को स्थायी किया जाए, ताकि शहरवासियों और गारबेज कलेक्टर्स को किसी भी तरह की असुविधा न हो। बैठक में अधिकारियों से अपील की गई कि वे मजदूर-विरोधी नीतियों में सुधार लाएं और गारबेज कलेक्टरों की समस्याओं का उचित समाधान करें, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके। इस जनरल मीटिंग में सोसाइटी के अन्य सदस्य जैसे कर्म सिंह घांवरी, मदन मलिक, वेदप्रकाश राणा, संजू लोहट, दीपक नेपाली, मोहन लाल चांवरिया , नरेश कागड़ा, भजन लाल, रणबीर सिंह घुग्गी, सुरजीत सिंह, सुरेंद्र सरोहा, सुरेंद्र काला, बाल किशन, और राहुल कांगड़ा सहित कई अन्य शामिल रहे।