Chandigarh News: डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर यूनियन के प्रधान धर्मवीर राणा ने हाल ही में आयोजित एक मीटिंग के बाद नगर निगम की नीतियों पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि मार्केट एरिया, कमर्शियल इलाकों और गांवों में कार्यरत गार्बेज कलेक्टरों को उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम पिछले दो वर्षों से प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल में गार्बेज चार्ज वसूल कर रहा है, लेकिन इस राशि का कोई सीधा लाभ गार्बेज कलेक्टर्स को नहीं दिया जा रहा है। साथ ही रिहायशी इलाकों में कार्यरत कलेक्टर्स की मृत्यु के बाद उनके परिवारों को काम ट्रांसफर करने में निगम द्वारा छह महीने से अधिक का समय लगाया जा रहा है। इससे गार्बेज कलेक्टर्स के परिवारों में गहरा असंतोष है।
धर्मवीर राणा ने कहा कि बिना गार्बेज कलेक्टर्स की सहमति के प्रॉपर्टी टैक्स में गार्बेज चार्ज जोड़ा गया है। यूनियन इस कदम का विरोध कर रही है।
राणा ने कहा कि गार्बेज कलेक्टर्स के योगदान से ही चंडीगढ़ ने स्वच्छता रैंकिंग में सुधार किया है। लेकिन निगम द्वारा उनकी समस्याओं की अनदेखी से यह स्थिति खराब हो सकती है।
मृत्यु के बाद कलेक्टर्स के परिवारों को काम ट्रांसफर करने में देरी से असंतोष बढ़ रहा है।
यूनियन की ओर से कई मांगे रखी गई हैं इन में रिहायशी इलाकों में लागू अस्थायी एम ओ यू को दीर्घकालिक बनाया जाए।
गार्बेज चार्ज लगाने से पहले यूनियन से परामर्श किया जाए।
कलेक्टर्स के कार्य ट्रांसफर की प्रक्रिया को तेज़ किया जाए।
वही यूनिया ने हड़ताल की चेतावनी भी दी है ।धर्मवीर राणा ने कहा कि गार्बेज कलेक्टर्स का धैर्य अब टूट चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो यूनियन मजबूर होकर हड़ताल पर जाएगी।
यूनियन ने नगर निगम के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे गार्बेज कलेक्टर्स की समस्याओं का समाधान करें, ताकि उनका और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
यह प्रेस नोट गार्बेज कलेक्टर्स की मांगों और उनके असंतोष को नगर निगम तक पहुंचाने का एक प्रयास है। यूनियन ने कहा कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो चंडीगढ़ की सफाई व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।