Chandigarh News: पंजाबी सिंगर गुरदास मान ने बुधवार को फोर्टिस अस्पताल मोहाली मे “स्ट्रॉन्गर दैन कैंसर: यूनिक स्टोरीज़ ऑफ स्ट्रेंथ एंड सर्वाइवल” नामक किताब के दूसरे संस्करण का विमोचन किया। इस किताब में फोर्टिस मोहाली मे इलाज करवाने वाले आठ कैंसर सर्वाइवर की प्रेरणादायक कहानियाँ शामिल हैं।
इस किताब का विमोचन मरीजों और उनके परिवारों की उपस्थिति में हुआ, जो अपनी यात्रा साझा करने के लिए इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इसके साथ ही फोर्टिस के वरिष्ठ गणमान्यों में आशिष भाटिया, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, फोर्टिस हेल्थकेयर; अभिजीत सिंह, हेड-एसबीयू, फोर्टिस अस्पताल मोहाली; डॉ. राजीव बेदी, डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल मोहाली; और वरिष्ठ डॉक्टर व ऑन्कोलॉजी टीम के सदस्य उपस्थित थे।
कैंसर सर्वाइवर- बलबीर सिंह, विधिशा, अमित पुष्करणा, जतिंदरजीत कौर, परमिंदर, विजय कुमार वर्मा, सोनिका पांडे, और टीना शर्मा ने कैंसर से अपनी जंग जीतने की कहानियाँ साझा की। इस किताब में उनकी मजबूती, उनके परिवारों का अडिग समर्थन और फोर्टिस के ऑन्कोलॉजिस्ट्स द्वारा दी गई अभिनव चिकित्सा का विवरण है। हर एक कहानी में अलग-अलग चिकित्सा चुनौतियाँ रही हैं, जो उम्मीद और चिकित्सा कौशल की शक्ति को दर्शाती हैं।
किताब के विमोचन के दौरान गुरदास मान ने कहा कि इन संघर्षों के दौरान, इन योद्धाओं ने आशा की अद्वितीय शक्ति, विश्वास से मिलने वाली असीम ताकत, और जीवन की सुंदरता को महसूस किया जब किसी ने लड़ने का निर्णय लिया। मुझे पूरी तरह से यकीन है कि ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में बीमारी की चिंता करना सिर्फ इसे और कठिन बना देता। जो संकल्प बनाए रखने की ताकत थी, उसी ने इन सभी को कैंसर से लड़ने में मदद की।
आशिष भाटिया, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा कि यह किताब हम सभी के लिए प्रेरणा है। “सर्वाइवर्स की दिल छू लेने वाली कहानियाँ, साथ ही उनके पूरे समर्थन प्रणाली, मानव आत्मा की असली तस्वीर हैं, जो यह दिखाती हैं कि मुश्किल समय में भी संघर्ष करते रहना चाहिए।
डॉ. राजीव बेदी, डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने कहा कि इन कहानियों में संघर्ष करने की इच्छा को उत्पन्न करने की ताकत है, लेकिन साथ ही, और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण, यह नियमित कैंसर स्क्रीनिंग के महत्व को उजागर करती हैं। कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसे स्क्रीनिंग के माध्यम से और प्रभावी इलाज की पंक्ति, खासकर उच्च-प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजी प्रैक्टिस जैसे टार्गेटेड थैरेपी, रोबोटिक सर्जरी, पिन प्वाइंट रेडिएशन आदि के जरिए हल किया जा सकता है।