Chandigarh News : अणुव्रत आंदोलन के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का शुरू से ही था जुडाव : मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजीआलोक
Chandigarh News: चंडीगढ| देश अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश मे शोक की लहर दौड गई है। मैने डा. सिंह को बेहद ही नजदीक से देखा और समझा है उनके साथ काफी लंबा समय बिताने का अवसर मिला। डा. मनमोहन सिंह का जीवन भावी पीढिय़ों के लिए उदाहरण है कि किस तरह से वे सभी चुनौतियों से पार पाकर ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहकर भी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काफी प्रयास किए। इसके अलावा आचार्य तुलसी द्वारा प्रवर्तित अणुव्रत आंदोलन संयम, सादगी और प्रामाणिकता को प्रतिष्ठापित करने वाले आंदोलन के साथ डॉ. मनमोहन सिंह बेहद की करीब से जुडे हुए थे। अणुव्रत आंदोलन का उनके जीवन पर इन मूल्यों का उत्कृष्ट और आदर्श उदाहरण था। ये शब्द मनीषीसंतमुनिश्रीविनयकुमारजीआलोक ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन पर आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए अणुव्रत भवन सैक्टर-24सी तुलसीसभागार मे कहे।
मनीषीसंत ने डॉ. सिंह के बारे मे आगे बोलते हुए कहा उन्होने एक बार कहा था कि मैं अणुव्रत दर्शन से सदैव प्रभावित और इससे जुडऩे के प्रति रूचिशील रहा हूं। मुझे अणुव्रत आंदोलन से पूर्ण रुपेण जुडऩे का मौका मिला है और इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी, सादगी का प्रतीक था। उनकी सौम्यता, बौद्धिकता उनके जीवन की पहचान रही।
मनीषीसंत ने कहा सौम्य शालीन व्यक्तित्व के धनी प्रबुद्ध राजनेता जिनके सहज व मृदु भाषी व्यक्तित्व को मैंने निजी तौर पर भी अनुभव किया। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उन विरले राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन की दुनिया में समान सहजता से काम किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा, उनके बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यंत विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा।