पंचकूला के एक प्लॉट के केस में एकतरफा फैसला देने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की जज निर्मल यादव के नाम पर 15 लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी। नाम की गलती के चलते महाधिवक्ता संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम पैसे लेकर हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की कोठी पर चला गया था। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मल यादव समेत पूर्व एडिशनल वकील जनरल संजीव बंसल, बिल्डर राजीव गुप्ता, दिल्ली के बिजनेसमैन रविंदर सिंह भसीन और निर्मल सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। बाद में मामला सीबीआई के पास ट्रांसफर हो गया था।
पूर्व जस्टिस निर्मल यादव की कोर्ट में पेश होने पर है रोक
इस मामले में अदालत ने पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को कोर्ट में पेश होने पर पूर्ण रूप से रोक लगा रखी है। नामजद आरोपी संजीव बंसल की पहले ही मौत हो चुकी है। इस कारण बीते सोमवार को सीबीआई कोर्ट में रविंद्र सिंह उर्फ रविंद्र भासीन, राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह के बयान दर्ज हुए थे जबकि पांचवीं आरोपी पूर्व जस्टिस निर्मल यादव के लिखित बयान भेजे गए थे।