Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित अडॉप्शन कमेटी की अध्यक्षता की। बैठक में तीन बच्चों के गोद दिए जाने का लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
उपायुक्त ने गोद लेने के लिए आवेदन करने वाले तीन परिजनों का साक्षात्कार लिया। उनसे परिवारिक, वैवाहिक, कामकाज व कार्यशैली की जानकारी हासिल की। परिजनों के कागजातों की जांच भी की गई।
उन्होंने बताया कि किसी भी परिजन को यदि बच्चा गोद लेना है कि वो ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन क्रमांक के अनुसार उनको बच्चा गोद दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चा गोद देने से पहले प्रशासन अपनी तसल्ली करता है कि परिवार बच्चे की परवरिश करने में सक्षम है या नही। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमारी टीम आवेदक के घर जाकर स्थिति की जानकारी हासिल करती है और गांव के लोगों से परिवार के व्यवहार का पता भी लगाते हैं।
उपायुक्त ने बताया कि गोद लेने के लिए आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, आय, और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे। आवेदन के समय आवेदक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड), पता प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल), आय प्रमाण पत्र (इनकम सर्टिफिकेट, फॉर्म 16), विवाह प्रमाण पत्र (शादी का सर्टिफिकेट), बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाण पत्र) होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आवेदन के बाद एक सामाजिक कार्यकर्ता घर पर आएंगे और आपके परिवार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जहां आपकी गोद लेने की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि आपको एक बच्चा गोद लेने के लिए चुना जाता है, तो आपको बच्चे के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी और आप बच्चे से मिलेंगे। जब आवेदक बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार हैं, तो आपको एक गोद लेने का समझौता करना होगा, जिसमें आपके अधिकार और जिम्मेदारियां शामिल होंगी। इसके अलावा एक कानूनी प्रक्रिया भी होगी।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मालिक बाल कल्याण अधिकारी शिवानी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।