Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि जिला में बाल मजदूरी रोकने के लिए कारगर कदम उठाएं और जिला स्तरीय गठित कमेटी औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रस्तुत करे। उपायुक्त बाल एवं बंधुआ मजदूरी को लेकर आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।

उपायुक्त कहा कि विभाग बाल मजूदरी पर अंकुश लगाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही बाल मजदूरी में पाए जाने वाले बच्चों को पढाने के लिए स्कूलों में दाखिल करवाया जाए। उन्होंने कहा कि विशेषकर ढाबों पर बाल मजदूरी को लेकर चैकिंग की जाए और जिन ढाबों में बाल मजदूरी करते हुए पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने के लिए इसकी सूचना 1098 हेल्पलाईन नम्बर पर दें।

बैठक में श्रम विभाग द्वारा पहलेे बाल मजदूरी में मिले 6 बच्चों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अवगत करवाया गया कि तीन बच्चों को स्कूल में दाखिल करवाया गया और दो बच्चों को शिक्षा विभाग की उल्लास योजना में दाखिल करवाया गया है जिन्हें लगातार 6 माह तक संबंधित गांव के शिक्षक द्वारा पढाया जा रहा है।

उसके बाद उन्हें स्कूल की मुख्यधारा में शामिल कर दाखिला दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें ओपन स्कूल से प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर में भी 6 माह का कोर्स करवाकर स्कूल में भी दाखिल किया जाता है।

उपायुक्त ने एसडीएम को निर्देश दिए कि गैर सरकारी सदस्यों द्वारा सूचना दिए जाने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि जिला से बाल मजदूरी पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, एसडीएम पंचकूला चन्द्रकांत कटारिया, एसडीएम कालका संयम गर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, एसीपी रमेश सहित गैर सरकारी सदस्य ईश्वर सिंह एवं कई सदस्य मौजूद रहे।