Chandigarh News: भवन विद्यालय, पंचकूला के 61 स्टूडेंट्स और टीचर्स का एक ग्रुप शनिवार को शहर की एनजीओ युवसत्ता (यूथ फॉर पीस) के संस्थापक प्रमोद शर्मा के नेतृत्व में नई दिल्ली की तीन दिवसीय शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान यात्रा से लौटा। प्रतिभागियों ने यहां शहर के ऐतिहासिक, शैक्षिक और प्रशासनिक संस्थानों का दौरा किया। भवन विद्यालय की प्रिंसिपल गुलशन कौर ने कहा कि वे इस तरह के अनुभवात्मक शैक्षिक दौरों को एकेडमिक प्रोग्राम का एक महत्वपूर्ण घटक मानती हैं, क्योंकि इससे छात्रों को कक्षा के बाहर सीखने और उपयोगी व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे दौरों में भाग लेने से उन्हें आलोचनात्मक सोच, टीमवर्क, सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। उनका आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ता है और जैसा कि एक कहावत है, “मैं सुनता हूं और भूल जाता हूं, मैं देखता हूं और याद रखता हूं, मैं करता हूं और समझ जाता हूं।” नई दिल्ली स्थित महात्मा गांधी के राष्ट्रीय स्मारक गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति की निदेशक पल्लवी प्रशांत होलकर के साथ बातचीत के दौरान छात्रों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और कार्यों के बारे में अपनी सीख साझा की। इस पहल की सराहना करते हुए पल्लवी ने कहा कि इस तरह के दौरे युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को पहचानने का एक मंच हैं।
इस दौरे के बारे में बताते हुए युवसत्ता के संस्थापक प्रमोद शर्मा ने कहा कि इस दौरे में स्टूडेंट्स ने न केवल गांधी स्मृति और राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन की भव्यता भी देखी, जबकि प्रधानमंत्री संग्रहालय ने भारत के राजनीतिक इतिहास का अवलोकन कराया। लाल किला, कुतुब मीनार, लोटस टेंपल, इंडिया गेट, हुमायूं का मकबरा, गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, इंदिरा गांधी संग्रहालय, दिल्ली हाट, सुंदर नर्सरी, निजामुद्दीन दरगाह, राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, हुमायूं का मकबरा आदि के भ्रमण से उन्हें भारत की सांस्कृतिक और प्रशासनिक विविधता को समझने का अनूठा अवसर मिला।
शर्मा ने कहा कि युवसत्ता की ऐसी पहल छात्रों को भारत के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाले सेतु का काम करती है, जिससे देश के प्रशासनिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक परिदृश्य की गहरी समझ विकसित होती है। आठवीं कक्षा की छात्रा तनीषा सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे केवल तीन दिनों में पुरानी और नई दिल्ली का इतना अधिक भ्रमण कर सकेंगी। आठवीं कक्षा की एक अन्य छात्रा आयुषी ने कहा कि यह एक अद्भुत अनुभव था, जिसमें महात्मा गांधी से जुड़े स्थानों का दौरा करने से उन्हें एक बेहतर दुनिया के लिए अहिंसा, सत्य और सेवा की शक्ति और गुणों को समझने में मदद मिली।