Chandigarh News, चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के तीन किलोमीटर के दायरे तक सरकार ईको सेंसिटिव जोन बनाने जा रही है। इसको लेकर पंजाब वन एवं वन्यजीव विभाग की ओर से ईको सेंसिटिव जोन का दायरा 100 मीटर से तीन किलोमीटर तक के दायरे में करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है। यह प्रस्ताव विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा है।
सूबे की चार सीटों पर हो रहे उप चुनाव के मतदान और मतगणना की प्रक्रिया पूरी होते ही सरकार की ओर से कैबिनेट की बैठक बुलाई जा सकती है। इस कैबिनेट की बैठक में सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के इर्द गिर्द पंजाब के हिस्से में ईको सेंसिटिव जोन को लेकर फैसला होगा। ईको सेंसिटिव जोन का दायरा 100 मीटर से बढ़ाकर 3 किलोमीटर तक किए जाने का सीधा असर इसके इर्द -गिर्द रहने वाले लोगों पर पड़ेगा। अगर पंजाब सरकार इस प्रस्ताव पर मंजूरी देती है तो यहां किसी भी प्रकार के भवन निर्माण, व्यवसायिक गतिविधियों के अलावा कोई भी प्रोजेक्ट लाने से पहले से मंजूरी लेनी होगी।
नयागांव, कांसल, नाडा और न्यू चंडीगढ़ के लोग होंगे प्रभावित
सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के तीन किलोमीटर के दायरे तक ईको सेंसिटिव जोन लागू होने का सीधा असर इसके समीप के रिहायशी क्षेत्र नयागांव, कांसल, करोरां, नाडा और न्यू चंडीगढ़ का हिस्सा आएगा। ऐसे में इन क्षेत्रों में कई रिहायशी प्रोजेक्टों पर तलवार लटक सकती है, जिसमें मध्यमवर्गीय लोगों के जीवन भर की कमाई लगी हुई है। चंडीगढ़ से लगते घनी आबादी वाले क्षेत्र नयागांव के साथ कांसल, करोरां, नाडा और न्यू चंडीगढ़ का क्षेत्र ईको सेंसिटिव जोन में आने से यहां हाई राइज बिल्डिंग के निर्माण पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। यहां तक की जो मकान एग्रीकल्चर लैंड या सुखना के समीप तीन किलोमीटर के दायरे के अंदर बने हैं या रिहायशी प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं, उन सभी पर रोक लग जााएगी। इससे एरिया के एक से डेढ़ लाख लोग प्रभावित होंगे। यह भी संभावना है कि ईको सेंसिटिव जोन के नियमों के तहत रिहायशी और व्यवसायिक इमारतों को तोड़ा भी जाए।
यूटी और हरियाणा में ये है ईको सेंसिटिव जोन
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और हरियाणा में ईको सेंसिटिव जोन नोटिफाई किए गए हैं। चंडीगढ़ में सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के 2 से 2.75 किलोमीटर के दायरे में ईको सेंसिटिव जोन बनाया गया है, इसी तरह हरियाणा ने सुखना के इर्द-गिर्द पंचकूला के हिस्से में 1 से 2.035 किलोमीटर के दायरे में यह ईको सेंसिटिव जोन बनाया है। दरअसल पंजाब ने सुखना के इर्द-गिर्द केवल 100 मीटर के दायरे तक ईको सेंसिटिव बनाने को लेकर मंजूरी प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय को भेजा था, लेकिन मंत्रालय ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया है। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में ईको सेंसिटिव जोन का दायरा कम से कम एक किलोमीटर तक रखे जाना जरूरी किया था।